भवनों के निर्माण के लिए नक्शा बनवाने में
फर्जीवाड़ा पर शिकंजाजियो टैगिंग के साथ ही मंजूर होगा नक्शा
अभी नगर निगम में 300 नक्शा लंबित
आंकड़ों के अनुसार, फिलहाल नगर निगम में 300 नक्शे लंबित हैं। इस साल जनवरी से अबतक 110 नक्शा की स्वीकृति मिल चुकी है। वहीं, पिछले वर्ष-2021 में नगर निगम की ओर से 910 नक्शा पास किया गया है। दूसरी ओर नक्शा को लेकर नगर आयुक्त ने शाखा प्रभारियों के साथ संबंधित सभी इंजीनियरों को अलर्ट कर दिया है।
शहरी क्षेत्र में भवनों के नक्शे में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए नगर निगम प्रशासन की ओर से नई व्यवस्था लागू की गई है। इसमें अब आवेदन के साथ जियो टैगिंग की रिपोर्ट लगाई जाएगी। इसके बाद ही नक्शा की फाइल आगे बढ़ेगी। जियो टैगिंग की रिपोर्ट से भौगोलिक स्थिति, फोटो, मैप के जरिए सटीक जानकारी मिल सकेगी। उस जगह की लोकेशन भी स्पष्ट होगी।
निगम प्रशासन के अनुसार, संबंधित खाली जमीन पर आवेदक की तस्वीर के साथ टैगिंग रिपोर्ट फाइल में लगेगी। इसके बाद इंजीनियरों को आगे की प्रक्रिया के लिए भेजा जाएगा। इस कार्य के लिए निगम की ओर से एक टीम का गठन किया गया है। हाल में फर्जी नक्शा का खुलासा होने के बाद नक्शा से जुड़ी प्रक्रियाओं में बदलाव किया जा रहा है। नई व्यवस्था के तहत पिछले दो दिन में जियो टैगिंग के साथ एक दर्जन आवेदन जमा हुए हैं। बता दें कि दो दिन पहले शिकायत मिलने पर वार्ड संख्या-4 से जुड़े एक नक्शा की जांच हुई, जिसमें नगर आयुक्त व प्रधान सहायक का फर्जी हस्ताक्षर किए जाने का खुलासा हुआ। नक्शा रद्द करते हुए नगर आयुक्त के निर्देश पर प्राथमिकी दर्ज कराने की कार्रवाई की गई।
निर्माण शुरू करने के बाद आवेदन पर लगेगा जुर्माना : निर्माण शुरू करने के बाद भी आवेदन देकर निगम में नक्शा बनाने का खेल चल रहा था। जियो टैगिंग की व्यवस्था से इसपर भी विराम लगेगा। प्रधान सहायक सह प्रभारी अशोक सिंह ने बताया कि निर्माण शुरू करने के बाद कोई आवेदन जमा होता है तो सबसे पहले बिल्डिंग बायलॉज के नियमों का पालन किया गया या नहीं, इसकी जांच इंजीनियर करेंगे। बगैर नक्शा पास कराए निर्माण शुरू करने पर जुर्माना लगाया जाएगा।