हाई स्कूलों में 6 हजार हेड मास्टर होंगे भर्ती:परीक्षा में निगेटिव मार्किंग नहीं, प्रधानाध्यापक भर्ती नियमावली में हुआ संशोधन

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हाई स्कूलों में 6 हजार हेड मास्टर होंगे भर्ती:परीक्षा में निगेटिव मार्किंग नहीं, प्रधानाध्यापक भर्ती नियमावली में हुआ संशोधन

प्रतीकात्मक फोटो। - Dainik Bhaskar

बिहार के उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों में प्रधानाध्यापक नियुक्ति के लिए नियमावली संशोधित कर दी गई है। तय किया गया है कि परीक्षा कैसे ली जाएगी यह शिक्षा विभाग तय कर बीपीएससी को नहीं देगा। नियमावली में संशोधन के बाद बीपीएससी परीक्षा पैटर्न तय करेगा। परीक्षा पैटर्न तय करने में शिक्षा विभाग के साथ बैठक कर परामर्श लेने की बात है। जल्द ही कैबिनेट से स्वीकृति लेकर प्रधानाध्यापक की वैकेंसी बीपीएससी को भेजी जाएगी।

माना जा रहा है जून या जुलाई के अंत तक रिक्ति आ सकती है। प्रधानाध्यापक के कुल पदों में 35 प्रतिशत यानी लगभग 2100 पद महिलाओं के लिए आरक्षित रहेंगी। एससी, एसटी, पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग के साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लिए आरक्षण का प्रावधान लागू रहेगा। प्रधानाध्यापक का संवर्ग प्रमंडल स्तर का होगा।

शिक्षण अनुभव में 2 से 4 साल तक की छूट मिलेगी। (प्रतीकात्मक फोटो)
शिक्षण अनुभव में 2 से 4 साल तक की छूट मिलेगी। (प्रतीकात्मक फोटो)

जानिए… संशोधन के बाद 3 बड़े बदलाव, जो किए गए

1. निगेटिव मार्किंग नहीं: प्रधानाध्यापक भर्ती परीक्षा में निगेटिव मार्किंग नहीं होगी। इससे पहले 0.25 प्रतिशत निगेटिव मार्किंग होती थी। यानी 4 गलत प्रश्न पर 1 अंक काटना तय किया गया था। यह भी माना जा रहा है कि 2 घंटे की वस्तुनिष्ठ परीक्षा में 150 की जगह 100 प्रश्न ही पूछे जाएं। हालांकि प्रश्न की संख्या बाद में तय होगी।

2. शिक्षण अनुभव में छूट : शिक्षण अनुभव में 2 से 4 साल तक की छूट मिलेगी। माध्यमिक शिक्षकों के लिए अब 10 साल के बदले 8 साल और उच्च माध्यमिक शिक्षक के लिए 8 के बदले 4 साल का अनुभव चाहिए। निजी स्कूलों के शिक्षकों के लिए शिक्षण अनुभव में छूट नहीं मिलेगी। परीक्षा में संबंधित हिंदी, अंग्रेजी, गणित, सामान्य अध्ययन और शिक्षक एप्टीट्यूट से जुड़े प्रश्न पूछे जाएंगे। हालांकि आवेदन के बाद आयोग अलग से पूछे जाने वाले विषयों की जानकारी देगा।

3. उम्र सीमा : सरकारी उच्च व उच्चतर माध्यमिक स्कूलों के शिक्षकों के लिए उम्र सीमा तय नहीं रहेगी। निजी स्कूलों के शिक्षकों के लिए न्यूनतम 31 और अधिकतम 47 वर्ष आयु के शिक्षक प्रधानाध्यापक के लिए आवेदन के पात्र होंगे। 2012 या उसके बाद नियुक्त शिक्षक के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा में उत्तीर्ण होना आवश्यक है। प्रधानाध्यापक का तबादला प्रमंडल पर होगा। इनका मूल वेतन 35000 है। इसमें अन्य भत्ता जोड़ने के बाद लगभग 50 से 52 हजार प्रतिमाह होगा।

बदलाव की जरूरत क्यों : पिछले साल 6421 प्रधानाध्यापक भर्ती के लिए ली गई परीक्षा में मात्र 420 अभ्यर्थी ही सफल हो सके थे। इसके बाद कई स्कूलों में पद खाली रह गए थे। इस कारण स्कूलों का प्रबंधन सुचारू ढंग से नहीं चल पा रहा था। अब विभाग ने परीक्षा पैटर्न में बदलाव किया है ताकि इस बार पद खाली न रह पाए। नए बदलाव से आवेदन देने वालों की संख्या 25 हजार तक हो सकती है।

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