बसंत पंचमी तिथि के अवसर पर बाबा वैद्यनाथ का हुआ तिलकोत्सव

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भगवान लक्ष्मी-नारायण मंदिर परिसर में विधिपूर्वक चढ़ाया गया तिलक

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बसंत पंचमी तिथि के अवसर पर बाबानगरी की परंपरा के अनुसार शनिवार को संध्या में तिलक अर्पण किया गया। लगभग 6:30 बजे से सरदार पंडा श्री गुलाब नंद ओझा की देखरेख में बाबा मंदिर इस्टेट की ओर से भगवान लक्ष्मी-नारायण मंदिर परिसर में तिलक चढ़ाया गया। आचार्य श्रीनाथ पंडित, पुजारी सुमित झा की उपस्थिति में तिलकोत्सव को लेकर बाबा भोलेनाथ की विशेष पूजा की गई। इस दौरान बाबा वैद्यनाथ का पंचोपचार विधि से तिलक किया गया।

तिलकरुओं ने खेला फाग, दिखा उत्साह

माघ मास शुक्ल पक्ष पंचमी तिथि के अवसर पर बाबा वैद्यनाथ का तिलकोत्सव होने के बाद मिथिलांचल के कांवरिए व श्रद्धालुओं ने भी बाबा वैद्यनाथ पर तिलक अर्पित कर बाबा मंदिर प्रांगण व अपने आवासन स्थल पर फाग खेलकर खुशी मनायी। साथ ही बाबा वैद्यनाथ को अर्पित किया गया लड्डू प्रसाद स्वरूप वितरित किया गया। बसंत पंचमी मेला बाबानगरी के पंजीकृत सर्वाधिक प्राचीन मेले में एक है। तिलकहरुओं का जत्था मिथिलांचल से बिहार के भागलपुर जिलांतर्गत सुल्तानगंज के उत्तरवाहिनी गंगा घाट से जल भरकर कांवर लेकर बसंत पंचमी में बाबानगरी पहुंचते हैं।

बाबा वैद्यनाथ को आम्र मंजर, अबीर, पंचमेवा, फल, वस्त्रत्त्, इत्र आदि चढ़ाया गया। इस अवसर पर बाबा वैद्यनाथ को विशेष भोग के रूप में मालपुआ अर्पित किया गया। उसके बाद पुजारी सुमित झा अबीर लेकर बाबा वैद्यनाथ मंदिर गर्भगृह गए। वहां बाबा भोलेनाथ की संध्याकालीन शृंगार पूजा के पूर्व फुलेल चढ़ाए जाने के बाद बाबा वैद्यनाथ को तिलक के रूप में अबीर अर्पित किया गया। उसके बाद बाबा की भव्य शृंगार पूजा की गई। पुजारी द्वारा बाबा मंदिर प्रांगण स्थित सभी 22 मंदिरों में भी धूप-दीप दिखा कर मालपुआ का भोग लगाया गया। बाबा को तिलक चढ़ाए जाने के साथ ही अब फाल्गुन पूर्णिमा तक प्रतिदिन बाबा की पूजा में अबीर अर्पण के साथ मालपुआ का भोग लगाया जाएगा। 23वें दिन फाल्गुन मास कृष्ण पक्ष चतुर्दशी तिथि महाशिवरात्री पर बाबा वैद्यनाथ व माता पार्वती का विवाहोत्सव मनाया जाएगा।

Sri Baidyanathay Namah

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