स्मार्ट सिटी बनने के साथ ही बदल जाएगी लाइफस्टाइल:
शहर की रफ्तार 10 किमी से बढ़ कर हाे जाएगी 18-20 किमी प्रतिघंटे
शहर में इस समय स्मार्ट सिटी के 16 प्रोजेक्ट चल रहे हैं। इनमें से सड़क-नाला निर्माण से लेकर फेस लिफ्टिंग समेत अधिकतर योजनाएं तीन साल में धरातल पर उतर आएंगी। इसके बाद आप जैसे ही शहर में प्रवेश करेंगे, पाॅजिटिव फीलिंग होगी। फर्राटेदार सड़कें, इसके किनारे हरे-भरे पेड़-पाैधे, चाैक-चाैराहों पर फब्बारे, रात में दूधिया लाइट से चकाचाैंध सड़कें, स्मार्ट जंक्शन से शहरी जिंदगी ही बदल जाएगी।
बैरिया से स्टेशन राेड हाेते हुए हरिसभा चाैक तक स्मार्ट सड़क का निर्माण पूरा हाेने के बाद पश्चिम से लेकर पूर्वी दिशा तक अपने वाहनाें से फर्राटा भरते अा-जा सकेंगे। बैरिया से स्टेशन आने में अभी 30 मिनट लगता है। स्मार्ट सिटी की सड़क बन जाने पर महज 15 मिनट लगेंगे। सड़क अच्छी रहने से समय की बचत के साथ जाम से ताे निजात मिलेगी ही, डीजल-पेट्राेल की भी बचत हाेगी। वाहन के पार्ट्स भी लंबे समय सही रहेंगे।
बाइक-कार चलाने वाले लाेगाें के स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा। साफ-सुथरी सड़क हाेने से धूलकण नहीं उड़ेंगे। स्मार्ट सिटी में डीजल ऑटाे का परिचालन पूर्णत: बंद हाे जाएगा। शहर में इलेक्ट्रिक और सीएनजी गाड़ियां चलेंगी। जिससे पर्यावरण भी स्वच्छ रहेगा।
बैरिया से स्टेशन आने में वर्तमान में 30 मिनट का लगता है समय, स्मार्ट सिटी बनने पर 15 मिनट बचेगा
बढ़ जाएगी रफ्तार : शहरी क्षेत्र में दोगुनी स्पीड से दौड़ेंगे वाहन
फर्राटेदार सड़कें बनने के बाद शहरी क्षेत्र में वाहनाें की रफ्तार भी बढ़ जाएगी। वर्तमान में औसत रफ्तार 10 किमी प्रति घंटा है। जब ये सड़कें बन जाएंगी ताे रफ्तार बढ़कर 18-20 किमी प्रति घंटे हाे जाएगी। डीटीओ सुशील कुमार ने बताया कि ट्रैफिक व्हीकल यूनिट(टीवीयू) के आधार पर औसत रफ्तार तय की जाती है। शहर की सभी सड़काें की टीवीयू 10-12 हजार से अधिक है। यानी 10 किमी प्रतिघंटा स्पीड निर्धारित है। अच्छी सड़क रहने पर यह स्पीड बढ़कर 18-20 किमी प्रति घंटे हाे जाएगी।
कम होगी खर्च : बढ़ जाएगी इंजन व पार्ट्स की लाइफ
ऑटाेमाेबाइल इंजीनियर मुन्ना कुमार ने बताया कि वर्तमान में ट्रैफिक जाम और सड़कें खराब हाेने के कारण लगातार ब्रेक लगाने और क्लच लेने से वाहनाें के इंजन व पार्ट्स पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। बार-बार ब्रेक लगाने से बेयरिंग, बाॅलेसर व गियर खराब हाे जाता है। क्लाच प्लेट जल जाते हैं। स्पीड धीमी हाेने से तेल की खपत भी अधिक हाेती है। सड़कें अच्छी रहेंगी तो ये समस्या खत्म हो जाएगी। इंजन व पार्ट्स की लाइफ बढ़ जाएगी। वहीं 8-10 किमी प्रति लीटर तेल की खपत कम हाे जाएगी।
हेल्थ रहेगा फिट : बार-बार ब्रेक से दर्द की होती समस्या
वरीय फिजिशियन डाॅ. एके दास ने बताया कि अच्छी सड़क पर गाड़ी चलाने से चालक की मानसिक तौर पर स्वस्थ रहता है। जबकि खराब सड़क पर गाड़ी चलाने पर व धूप-गर्मी में बार-बार जाम में फंसने से चालक मानसिक रूप से परेशान हाेते हैं। कई प्रकार की विपरीत स्थितियां उत्पन्न हाेने लगती है। बार-बार ब्रेक लगाने से कमर में दर्द, गर्दन में दर्द की समस्या हाेने लगती है। जिसका हेल्थ पर दूरगामी असर पड़ता है। सड़क के धूलकण व वाहनों के काले धुएं से कई प्रकार की बीमारियां हाे जाती हैं।