पहल:अब स्कूलों में सप्ताह में एक दिन बच्चों के नाखून से लेकर कपड़े व जूता-मोजा की सफाई की होगी जांच

school weekend

पहल:अब स्कूलों में सप्ताह में एक दिन बच्चों के नाखून से लेकर कपड़े व जूता-मोजा की सफाई की होगी जांच

school weekend

प्राथमिक से लेकर माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में यूथ व यूको क्लब का किया जाएगा गठन

सरकारी स्कूलों में अब सप्ताह में एक बार नाखून से लेकर कपड़ों की सफाई की जांच होगी। चेतना सत्र के दौरान छात्र-छात्राओं के बालों की सफाई से लेकर स्नान और जूता-मोजा की सफाई देखी जाएगी। खुद की साफ-सफाई से लेकर उन्हें अपने घर और आसपास को स्वच्छ रखने का संदेश दिया जाएगा। इसकी मॉनिटरिंग इको क्लब की ओर से की जाएगी। इसके लिए विद्यालयों में इको क्लब का गठन किया जाएगा।

यूथ और इको क्लब का गठन प्राथमिक से लेकर माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में किया जाना है। सूबे की सभी पंचायतों के एक-एक मध्य विद्यालय (कुल 8386) में ये गतिविधियां आयोजित होंगी। इसको लेकर शिक्षा विभाग की ओर से दिशा-निर्देश जारी किया गया है।

सूबे की सभी पंचायतों के एक-एक मध्य विद्यालय यानी कुल 8386 स्कूलों में ये गतिविधियां होंगी आयोजित
स्कूलों में दोनों क्लब के गठन के लिए एक-एक शिक्षक को नोडल अधिकारी बनाया जाएगा। क्लब की ओर से विद्यालय स्तर पर कैलेंडर का निर्माण किया जाएगा। वहीं वार्षिक पत्रिका का प्रकाशन भी किया जाएगा। इसमें फोटोग्राफ के साथ-साथ बेस्ट प्रैक्टिसेस होंगी।

ऐसा होगा स्वरूप
विद्यालय – यूथ क्लब के सदस्य – इको क्लब के सदस्य
9वीं से 12वीं : कक्षा 9 और 11 के कुल 20 सदस्य – कक्षा 9 और 11 के कुल 20 सदस्य
पहली से 8वीं : कक्षा 6,7 और 8 के कुल 20 सदस्य – कक्षा 6, 7 और 8 के कुल 20 सदस्य
पहली से 5वीं : कक्षा 4 और 5 के कुल 20 सदस्य – कक्षा 4 और 5 के कुल 20 सदस्य।

ये होंगे कार्य

  • वार्षिक कैलेंडर के अनुसार खेलकूद से लेकर गतिविधियों का आयोजन करना
  • भाषण, वाद – विवाद, संगीत, कला, निबंध लेखन से लेकर पत्र लेखन और पोस्टर निर्माण
  • चेतना सत्र में सप्ताह में एक दिन नाखूनों की सफाई, ड्रेस, बाल से लेकर दांत समेत अन्य की साफ-सफाई की जांच
  • विभिन्न सामाजिक बुराइयों को लेकर समाज के लोगों को जागरूक करना।

ये होंगे फायदे

  • सह शैक्षणिक गतिविधियों से छात्र-छात्राओं में जीवन कौशल के साथ उनमें नेतृत्व क्षमता का विकास होगा।
  • बच्चों में आत्मविश्वास बढ़ेगा। साथ ही तनाव, भय और संकोच जैसी नकारात्मक भावनाएं दूर होंगी।
  • स्टूडेंट्स को अपने अधिकारों को जानने, अपनी चिंताओं को व्यक्त करने का मौका मिलेगा।
  • इस क्लब के माध्यम से बच्चे पर्यावरण संरक्षण को लेकर जागरूकता का संदेश भी देंगे।

Leave a Reply