कैसे होगी भर्ती:1539 फार्मासिस्ट की बहाली होनी है जबकि डेढ़ साल से बिहार राज्य फार्मेसी काउंसिल में रजिस्ट्रेशन और रिन्युअल ही नहीं
राज्य में 1539 फार्मासिस्ट की बहाली का विज्ञापन निकला है। आवेदन वही कर सकता है जिसका रजिस्ट्रेशन हुआ हो। इसके उलट स्थिति यह है कि बीते डेढ़ साल से राज्य में नए फार्मासिस्ट का रजिस्ट्रेशन और पुराने का रिन्युअल ही नहीं हो रहा।
लगभग 4500 नए रजिस्ट्रेशन और पुराने 28 हजार फार्मासिस्ट का पंजीयन, रिन्युअल के लिए लंबित है। अंतिम रजिस्ट्रेशन 12 फरवरी 2022 को तत्कालीन रजिस्ट्रार विंदेश्वर नायक ने किया था। इसके बाद से अबतक एक भी रजिस्ट्रेशन और रिन्युअल राज्य में नहीं हुआ है। बिना रजिस्ट्रेशन और रिन्युअल के छात्र विज्ञापित पद के लिए कैसे आवेदन कर सकेंगे।
12 फरवरी 2022 के बाद से रजिस्ट्रेशन नहीं
12 फरवरी 2022 के बाद से प्रदेश में फार्मासिस्ट का रजिस्ट्रेशन और रिन्यूअल बंद है। छात्र लगातार काउंसिल के अस्थायी रजिस्ट्रार के दफ्तर का चक्कर काट रहे हैं। बिना रजिस्ट्रेशन उनकी डिग्री किसी काम की नहीं है। छात्र, डिग्री के आधार पर कहीं प्राइवेट या सरकारी नौकरी में न तो आवेदन कर सकते हैं और न ही अपनी दवा दुकान खोल सकते हैं।
बीते नवंबर में चुनाव हुआ, औषधि नियंत्रक को रजिस्ट्रार का प्रभार सौंपा
बीते 22 जून 2022 को तत्कालीन राज्य औषधि नियंत्रक रवींद्र कुमार सिन्हा को बतौर बिहार राज्य फार्मेसी काउंसिल का निबंधक नामित किया गया। यह अंतरिम व्यवस्था थी। काउंसिल का चुनाव बीते वर्ष नवंबर में हो गया। 6 सदस्य चुन लिये गए। सरकार को भी अपना सदस्य नामित करना है। अब सरकार नामित सदस्य न भेजकर औषधि नियंत्रक को रजिस्ट्रार का प्रभार सौंपकर अपना पल्ला झाड़ रही है।
बिना रिन्युअल चल रहीं दवा दुकानें
एक आंकड़े के अनुसार बिहार में रजिस्टर्ड दवा दुकान लगभग 40 हजार से ज्यादा है। नियम के अनुसार फार्मासिस्ट को अपना लाइसेंस हर साल रिन्युअल कराना होता है। बीते डेढ़ वर्ष से केवल रिसीविंग करा कर दवा दुकानें संचालित हो रही हैं।
कोई सुनवाई नहीं हो रही
हम लोगों से लगातार छात्र सवाल करते हैं कि रजिस्ट्रेशन क्यों नहीं हो रहा। हमारी ओर से सरकार और राज्य के वरीय अधिकारियों को आवेदन भी दिया गया लेकिन इसपर कोई सुनवाई नहीं हो रही है।