परिवहन विभाग और बियाडा में सीधा टकराव:विभागों की लड़ाई में पटरी से उतरा ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक, दो हजार लाइसेंस फंसे
अॉटोमैटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक को लेकर बिहार औद्याेगिक क्षेत्र विकास प्राधिकार और परिवहन विभाग के बीच ही सीधी टक्कर हो गई है। इसके कारण ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक न सिर्फ ट्रैक से उतर गए हैं, बल्कि दोनों विभागाें की लड़ाई में दो हजार लाेगाें के ड्राइविंग लाइसेंस भी फंस गए हैं। बियाडा ने औद्याेगिक क्षेत्र स्थित जमीन को कब्जे में लेते हुए विभाग के टेस्टिंग ट्रैक कार्यालय में भी ताला जड़ दिया है। दरअसल, परिवहन विभाग ने 60 लाख खर्च कर ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक बनाया था।
3 एकड़ में फैले इस कैंपस में ड्राइविंग लाइसेंस लेने के लिए टेस्टिंग हाेती थी। हर दिन तकरीबन डेढ़ साै लाेगाें का टेस्ट हाेता था। लेकिन, बियाडा ने यह कहते हुए जमीन का आवंटन रद्द कर दिया कि औद्याेगिक विकास के मद्देनजर ली गई यह जमीन वर्षाें से खाली है। बियाडा इस जमीन को अब अपने कब्जे में लेकर नई इंडस्ट्री के लिए नए सिरे से आवंटित करने की तैयारी में है। हालांकि, टेस्टिंग ट्रैक हाथ से जाते देख परिवहन विभाग ने बियाडा के विरुद्ध माेर्चा खाेल दिया है। अपील में जाने के बाद विभागीय अधिकारियाें ने सरकार से हस्तक्षेप कर बियाडा की कार्रवाई राेकने का आग्रह किया है।
7 एकड़ में बने वर्कशाॅप की जमीन भी आवंटन रद्द कर कब्जे में ली
बियाडा ने पथ परिवहन निगम के वर्कशाॅप की जमीन का भी आवंटन रद कर कब्जे में ले लिया है। 7 एकड़ के इस प्लाॅट पर बड़ी औद्याेगिक इकाई खाेलने के लिए आवंटन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। इसके लिए राज्य के बाहर के बड़े उद्यमियाें के कई प्रस्ताव भी आए हैं। इससे कराेड़ाें के निवेश के साथ लाेगाें के राेजगार भी बढ़ेंगे।
जानिए… कैसे पथ परिवहन निगम ने परिवहन विभाग को दे दी जमीन और क्याें हुई कार्रवाई
बियाडा के बेला औद्याेगिक क्षेत्र में पथ परिवहन निगम ने एक दशक पहले वर्कशाॅप के लिए जमीन लीज पर ली थी। इसमें 7 एकड़ पर वर्कशाॅप के साथ पास में ही 3 एकड़ 50 डिसमिल का एक और प्लाॅट है। बियाडा अधिकारियाें की मानें ताे वर्कशाॅप कभी चला नहीं। इसके कारण जमीन यूं ही बेकार पड़ी थी। लेकिन, जिस उद्देश्य के लिए जमीन लीज पर दी गई, वह कार्य करने के बदले निगम ने बिना बियाडा के मंजूरी के 3 एकड़ के खाली प्लाॅट को पथ परिवहन विभाग को भाड़े पर दे दिया। इसी जमीन पर विभाग ने अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक बनाया था। जिसे बियाडा ने अपनी जमीन पर कब्जा मानते हुए कार्रवाई शुरू की है।
लड़ाई : सरकार तक मामला, मुख्य सचिव निबटाएंगे किसका ट्रैक
बियाडा और पथ परिवहन निगम व परिवहन विभाग के बीच लड़ाई अब सरकार तक पहुंच गई है। परिवहन विभाग के आग्रह पर परिवहन सचिव पंकज कुमार पाल ने बेला औद्याेगिक क्षेत्र स्थित ऑटोमैटिक ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक का कार्यालय पर कब्जे की रिपाेर्ट ली है। विभाग के अनुसार रिपाेर्ट मुख्य सचिव को साैंपी जाएगी। वहां तय हाेगा कि ट्रैक किसका हाेगा। इसके बाद यहां पर ड्राइविंग टेस्ट का रास्ता साफ हो सकेगा। इसलिए लोगों को अभी इंतजार करना पड़ेगा।
इस बड़े भूखंड पर इंडस्ट्री खुलेगी, प्रस्ताव आ रहे हैं
यह जमीन वर्कशाॅप के लिए थी। लेकिन, पथ परिवहन निगम ने वर्कशाॅप का काम नहीं किया। दूसरी खाली जमीन पर बिना बियाडा की मंजूरी के ट्रैक बनाए गए। एेसे में उनके दोनों प्लाॅट का आवंटन रद कर इसे सील कर दिया गया है। औद्याेगिक विकास के लिए नए उद्यमियाें को खाली जमीन की आवश्यकता है। दोनों प्लाॅट को कब्जे में लिया गया है। इस बड़े भू-खंड पर बड़ी इंडस्ट्री खुलेगी। इसके लिए प्रस्ताव भी अा रहे हैं। -रविरंजन प्रसाद, उप महाप्रबंधक बियाडा, बेला औद्याेगिक क्षेत्र
ट्रैक का आवंटन रद्द कर सील कर दिया गया
बियाडा की जमीन लीज पर परिवहन निगम ने ली थी। वाहन टेस्टिंग के लिए आधुनिक ट्रैक बनाए गए थे। इसका आवंटन रद कर सील कर दिया गया है। लाेगाें की सुविधा और लाइसेंस के लिए इसकी आवश्यकता को देखते हुए इसे हटाना सही नहीं हाेगा। विभागीय स्तर पर मामले की जांच की गई है। परिवहन विभाग के सचिव मुख्य सचिव को रिपाेर्ट साैंपेंगे।