महावीर कैंसर संस्थान में 25 हजार रुपये तक की
कैंसर की शुरुआती जांच भारतीय कैंसर समिति के सहयोग से नि:शुल्क होगी।
इसके लिए इंडियन कैंसर सोसाइटी के साथ करार हुआ है। महावीर मन्दिर न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने शुक्रवार को विश्व कैंसर दिवस के मौके पर इसकी घोषणा की। आचार्य किशोर कुणाल ने नि:शुल्क कैंसर परामर्श शिविर का उद्घाटन किया। 4 से 10 फरवरी तक इसमें विशेषज्ञ चिकित्सक नि:शुल्क परामर्श देंगे। समारोह में 684 मरीजों को कंबल भेंट किया गया। कार्यक्रम में डॉ. एलबी सिंह, डॉ. बी. सन्याल, डॉ. मनीषा सिंह, अभिषेक सिंह, मनोज कुमार आदि मौजूद थे। चिकित्सा निदेशक डॉ. मनीषा सिंह ने कहा कि किसी तरह की गांठ होने, मासिक धर्म के बाद रक्तस्त्रत्तव होने, जख्म के ठीक नहीं होने जैसे लक्षण दिखने पर तुरंत कैंसर संबंधित जांच करा लेनी चाहिए।
पटना जंक्शन के मुख्यद्वार पर अवस्थित ऐतिहासिक “महावीर मन्दिर” पूर्वी भारत का एक महत्वपूर्ण मन्दिर है। विगत अनेक वर्षो से यह मन्दिर विभिन्न आध्यात्मिक एवं सामाजिक कार्यो में संलग्न रहा है। अपने विभिन्न जनोपयोगी कार्यक्रमों के द्वारा यह मन्दिर समाज के सभी वर्गो की पीड़ा और कठिनाइयों को दूर करने के लिये सक्रिय है। महावीर मन्दिर प्रबंधन समिति द्वारा जनता के लाभार्थ पांच अस्पताल कार्यरत हैं जिसमें से पटना के फुलवारीषरीफ अवस्थित महावीर कैंसर संस्थान एवं शोध केन्द्र भारत का एक महत्वपूर्ण एवं आधुनिक कैंसर अस्पताल है। गरीबों एवं जरूरतमंद लोगों की कठिनाइयों को देखते हुए इस संस्थान की स्थापना जनसेवा की भावना से समर्पित एवं दूरदर्षी श्री महावीर स्थान न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल जी ने की। महावीर कैंसर संस्थान एवं शोध केन्द्र कैंसर रोगियों को मानवीय संवेदनाओं से प्रेरित होकर कैंसर रोग की आधुनिकतम पद्धति से उपचार प्रदान करता है। यह बिहार में कैंसर का एकमात्र Super Speciality Hospital है।
मरीजों को आर्थिक सहायता का स्त्रोत
1) महावीर मन्दिर पटना के तत्वावधान में
मुफ्त इलाज: महावीर मन्दिर न्यास समिति के सचिव आचार्य किशोर कुणाल जी के पहल पर
18 वर्ष तक के कैंसर से पीड़ित बच्चों का इलाज मुफ्त किया जा रहा है।
व्यस्कों को 10 हजार रूपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।
बिहार के बाहर से आये हुए कैंसर मरीजों को महावीर मन्दिर से विषेष अनुदान दी जाती है।
2) बिहार सरकार
वैसे रोगी जिन्हें बिहार राज्य के निवासी प्रमाण-पत्र प्राप्त है तथा उनकी वार्षिक आय रू॰ 2,50,000 तक हो तो “मुख्यमंत्री चिकित्सा सहायता कोष” से 80 हजार से एक लाख रूपये तक मदद की जाती है। मरीजों के सुविधा के लिए आवेदन संस्थान में ही जमा की जाती है, जिसे सचिवालय में अस्पताल द्वारा ही जमा कर दिया जाता है।