e-Passport Now in India
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को लोकसभा में कहा कि अगले छह महीने में ई-पासपोर्ट जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इनमें डेटा की सुरक्षा को लेकर सरकार पूरी तरह चौकन्नी है।
बहुस्तरीय सुरक्षा रहेगी
● जयशंकर ने कहा कि ई-पासपोर्ट बहुस्तरीय सुरक्षा सुनिश्चित करेगा
● डेटा पासपोर्ट की तरह कागज पर होगा। सत्यापित चिप पर भी होगा
● डिजिटल हस्ताक्षर जो डेटा सुरक्षित रखेगा उसे अन्य देश भेजा जाएगा
● डेटा विशिष्ट प्रक्रिया सेे चिप में जाता है। विशेष प्रिंटर में छपता है
● यह कई चरणों की प्रक्रिया। नमूना पासपोर्ट का चल रहा परीक्षण, आशंका दूर होगी
जयशंकर ने प्रश्नकाल में कहा कि पूरी दुनिया चिप आधारित ई-पासपोर्ट की दिशा में बढ़ रही है। भारत को भी इस दिशा में बढ़ना होगा। 4.5 करोड़ चिप के लिए आशय-पत्र (एलओआई) जारी कर दिए गए हैं। प्रक्रिया शुरू होने के बाद ई-पासपोर्ट देने में तेजी लाई जाएगी। ई-पासपोर्ट से डेटा चोरी होने से जुड़े कांग्रेस के एमके राघवन और शशि थरूर के सवाल पर जयशंकर ने कहा कि इसका उद्देश्य यात्रा को सुगम और डेटा की सुरक्षा सुनिश्चत करना है। ई-पासपोर्ट जारी होने में भेदभाव संबंधी आशंका के मारन के सवाल पर जयशंकर ने कहा कि किसी राज्य से पक्षपात नहीं होगा।
क्या है ई-पासपोर्ट: ई-पासपोर्ट में स्मार्ट कार्ड प्रौद्योगिकी है। इसमें एक रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन चिप लगी है। चिप की विशेषताएं अंतरराष्ट्रीय नागर विमानन संगठन के दिशानिर्देशों के अनुरूप हैं। यह ई-पासपोर्ट सहित वैश्विक यात्रा दस्तावेजों के मानकों को परिभाषित करती है।
The e-passports will come with a small silicon chip embedded in the jacket with 64 kilobytes of memory. The chip will have important security-related data encoded on it, including digitally signed personal particulars of the applicant.