दाखिल -ख़ारिज लटकी , तो खैर नई : अंचलाधिकारी पर 2500 रुपये जुर्माना

dhakhil kharij

दाखिल -ख़ारिज लटकी, तो खैर नई

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दाखिल -ख़ारिज लटकी , तो खैर नई राज्य में दाखिल ख़ारिज में गरबारी करने वालो के खिलाफ करी करवाई की जा रही है। म्युटेशन जमाबंदी और जमीन के मामलो में गरबारी करने को लेकर राजवस्य एवं भूमि सुधार विभाग ने करीब 50 से अधिक सीईओ पर कार्रवाई की गयी है इसके अलावा राजस्व्य कर्मचरियो के काम काज पर भी सरकार की नज़र है नियम के अनुसार राजवस्य अधिकारियो को रजिस्ट्री के 35 दिन के अंदर दाखिल ख़ारिज कर देना है। यदि उसपर कोई आपत्ति है तो 75 दिन से अधिक समय नहीं लगना चाहिए

दाखिल ख़ारिज क्या है ?

जमीन के दाखिल ख़ारिज को अंग्रेजी में  लैंड म्युटेशन भी कहा जाता है दाखिल ख़ारिज एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके जरिये सरकारी रिकॉर्ड में खरीदी गई जमीन को सम्बंधित व्यक्ति के नाम पर ट्रांसफर किया जाता है दाखिल ख़ारिज करने के बाद ही किसी वयक्ति को क़ानूनी रूप से उस जमीन या प्रॉपर्टी का मालिकाना हक़ मिलता है। यह रजिस्ट्री के बाद की प्रक्रिया है।

क्या है ऑनलाइन प्रक्रिया 

राज्य में कोई भी व्यक्ति भूमि दाखिल ख़ारिज करने के लिए घर बैठे ऑनलाइन आवेदन कर सकता है ऑनलाइन आवेदन के वक्त आवेदक को केश नंबर दिया जाता है इस केस नंबर से आवेदक आवेदन का स्टेटस चेक कर सकते है आवेदन के बाद भूमि की जानकारी का सत्यापन राजस्वय कर्मचारी एवं अंचल अधिकारी के माध्यम से किया जाता है फिर सम्बंधित व्यक्ति के नाम भूमि की जमाबंदी होती है।

कितने दिनों में हो जाता है  ?

ऑनलाइन आवेदन करने के बाद दी गयी रसीद के साथ सेल डिड की स्कैन की हुई फोटो कॉपी और आवेदक के आधार कार्ड को हल्का राजस्व कर्मचारी के पास ले जाकर जमा करना होगा नियमानुसार दाखिल ख़ारिज पूरा होने में 18 दिन का समय लगता है अंचलाधिकारी की स्वीकृति मिलने के बाद जमीन की करेक्शन स्लिप जारी कर आवेदक के नाम से जमीन का दाखिल ख़ारिज कर दी जाती है।

दाखिल ख़ारिज क्यों जरुरी है ?

दाखिल ख़ारिज की पूरी प्रक्रिया हो जाने का अर्थ है की आप उस जमीन के भूस्वामी है। भूस्वामी के अपने नाम से जमीन का रसीद ऑनलाइन कटेगा  आप उस जमीन की बिक्री कर सकते है। सरकारी प्रयोजनाओ के भूमि अधिग्रहण की की स्थिति में आपको जमीन का मुआवजा भी मिल सकेगा।

 

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