बनारसी-कांजीवरम सिल्क की साड़ियां अब भी महिलाओं के दिल के करीब, काटन में भी कई रेंज मुजफ्फरपुर के बाजार में
Bihar News: मुजफ्फरपुर जिले में इस साल कपड़ा कारोबारियों को अच्छे कारोबार की उम्मीद है। कोरोना काल में दो वर्षों तक व्यावसाय की मंदी से वे परेशान रहे, लेकिन इस साल नवरात्र के समय से ही कपड़े के कारोबार में तेजी आ गई। व्यवसायियों ने सूरत, मुंबई, बेंगलुरु, बनारस आदि जगहों से एक महीना पहले ही कपड़े का स्टाक कर लिया था। अभी वैवाहिक लग्न को देखते हुए थोक व्यापारी खुदरा विक्रेताओं को नई-नई डिजाइनों के सैंपल मैसेज के जरिए भेज रहे हैं। वहीं खुदरा कारोबारी इंटरनेट मीडिया के जरिए भी ग्राहकों तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं। दुकानदार द्वारा ग्राहकों को आफर, डिस्काउंट दिया जा रहा है। इस बार बाजार में आई चमक से व्यापारी गदगद हैं। दशहरा बीतने के बाद करवाचौथ, धनतेरस, दीपावली, छठ में भी लाखों का कारोबार हुआ। 24 नवंबर से विवाह लग्न शुरू हो गया है। ऐसे में कपड़ा कारोबार लगातार गुलजार रहने वाला है।
ढाई सौ करोड़ के कारोबार का अनुमान
जिले में कपड़े के करीब 500 थोक व्यवसायी हैं। वहीं तीन हजार से अधिक खुदरा कारोबारी हैं। सूतापट्टी के थोक कारोबारी सुशील कुमार मुंशी, राज कुमार आदि का कहना है कि इस लग्न में ढाई सौ करोड़ से अधिक के कारोबार का अनुमान है। वहीं इस साल एक हजार करोड़ का कारोबार हो सकता है। उन्होंने बताया कि पानीपत, आगरा, सूरत, अहमदाबाद, मुंबई, भीलवाड़ा, कानपुर, दिल्ली, बरेली, कोलकाता, जयपुर, वाराणसी से कपड़ों की आपूर्ति होती है। ग्राहकों की पसंद को ध्यान में रखते हुए माल स्टाक किया गया है। साड़ियों में लाल रंग की मांग अधिक रहती है। वहीं काटन की साड़ियों की खूब डिमांड है। इसमें चुनरी साड़ी भी खासी पसंद की जा रही है। काटन साड़ियों के दामों में औसतन 10 प्रतिशत की बढ़त है। औरगंजा सिल्क, बनारसी सिल्क, कांजीवरम सिल्क, मदुरई सिल्क साड़ियों की भी अच्छी बिक्री हो रही है। वहीं लांचे, लैगी, माडर्न लहंगा आदि किशोरियों, युवतियों की पसंद बनी हुई है। चैंबर आफ कामर्स के महामंत्री सज्जन शर्मा ने कहा कि त्योहारों के बाद विवाह लग्न शुरू हो गया है। शादियों में कपड़ों की अच्छी बिक्री चल रही है। इस बार बढ़ियां कारोबार होने की उम्मीद है।