हर्षोल्लास से मनाया गया त्योहार:रामनवमी पर श्रद्धा व उल्लास के साथ मंदिरों में ध्वजारोहण
प्रखंड के विभिन्न गांवों में गुरुवार को रामनवमी पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। पूजा के दौरान भजन कीर्तन व श्रद्धापूर्वक संकटमोचन वीर हनुमान का ध्वजारोहण किया। इस अवसर पर सुबह से ही लोग अपने-अपने घरों में साफ सफाई कर पूजा पाठ की तैयारी में जुट गए। श्रद्धालुओं ने हनुमान मंदिरों के अलावा अपने-अपने घरों में महावीर पताका का ध्वजारोहण कर भक्तिभाव से पूजा अर्चना की। उसके उपरांत लोगों ने समाज व परिवार की सुख, समृद्धि, आरोग्यता के लिए संकट मोचन वीर हनुमान से प्रार्थना की। इस दौरान दहिया, भगवानपुर, मेहदौली, बनवारीपुर, अतरुआ, पाली, संजात, सूर्यपुरा, पासोपुर, तेयाय, ताजपुर, किरतपुर, हरिचक, मोख्तियारपुर, मानोपुर समेत अन्य गांवों में रामनवमी का पर्व भक्ति भाव से मनाया गया।
हर्षोल्लास के साथ मनाया गया रामनवमी का पर्व
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जन्मोत्सव प्रखंड क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ गुरुवार को मनाया गया। जगह-जगह धार्मिक कार्यक्रम हुए। वहीं श्रद्धालुओं ने मंदिरों में मत्था टेक पुण्य का लाभ कमाया। इस अवसर पर शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में उत्सव जैसा माहौल रहा। देर रात तक मंदिरों में भजन-कीर्तन का दौर जारी रहा। इस अवसर पर घर परिवार में परंपरा के अनुसार विधि विधान से पूजा पाठ की गई तथा हनुमान पताका फहराया गया। इधर वासंतिक नवरात्र के अंतिम दिन कुमारी कन्याओं की पूजा कर उन्हें भोजन कराया गया। मान्यता है कि कन्याओं की पूजा से मां भगवती का आशीर्वाद प्राप्त होता ही है घर परिवार में सुख, शांति और खुशहाली आती है।
वैदिक मंत्रोच्चार के साथ महावीरी पताका फहराया गया
प्रखंड के विभिन्न ठाकुरबाड़ी तथा घरों में रामनवमी का त्योहार हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। नावकोठी, महेशवाड़ा, पहसारा, छतौना, हसनपुर बागर, चकमुजफ्फर, राजकपुर, समसा सहित अन्य गांवो के विभिन्न ठाकुरबाड़ी में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ महावीरी पताका श्रद्धा भक्ति से फहराया गया। भये प्रगट कृपाला दीनदयाला कौशल्या हितकारी के भजन से वातावरण गुंजायमान हो उठा। पंडित चंद्र कांत पाठक मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का अवतरण आज के ही दिन हुआ था। असुरों के संहार करने तथा धर्म की संस्थापना हेतु समाज के वंचित लोगों को गले लगाकर, भीलनी शबरी को नवधा भक्ति देकर सभी का कल्याण किया। मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम का चरित्र अनुकरणीय है। इनके द्वारा बताये गए मार्ग पर चलकर मानव अपने जीवन को धन्य बनाकर आवागमन से मुक्ति पा सकता है। भजन कीर्तन एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम से वातावरण भक्तिमय हो गया है।