सुविधा का इंतजार: वर्षों से बजट के अभाव में अटकी हैं बिहार की डेढ़ दर्जन से अधिक रेल परियोजनाएं

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सुविधा का इंतजार:

वर्षों से बजट के अभाव में अटकी हैं बिहार की डेढ़ दर्जन से अधिक रेल

परियोजनाएं

मुजफ्फरपुर समेत पूरे बिहार की डेढ़ दर्जन से अधिक बहुप्रतीक्षित रेल परियोजनाएं ठंडे बस्ते में पड़ी हुई है। बीते 7-8 बजट में इन परियोजनाओं को केंद्र सरकार महज एक हजार रुपए देती रही है। संदेश साफ है कि इन प्रोजेक्ट्स को जिंदा रखना है। लेकिन, बिहार की जनता इन परियेाजनाओं को पूरा होते देखना चाहती है। अब बजट 2022 की तैयारी चल रही है।

लोगों के मन में फिर सवाल उठने लगे हैं कि इस आम बजट में राशि मिलने से ये परियोजनाएं धरातल पर उतरेंगी अथवा फिर इसे जिंदा रखने के लिए वही एक हजार रुपए मिलेंगे। इस बाबत वैशाली की सांसद वीणा देवी बताती हैं कि मुजफ्फरपुर या यहां से गुजरने वाली सभी रेल परियोजनाओं को राशि आवंटन के लिए उन्होंने रेल मंत्री से अनुरोध किया है।

सीतामढ़ी के सांसद सुनील कुमार पिंटू भी लंबित परियोजनाओं के लिए नए सिरे से आवंटन के लिए रेल मंत्री को पत्र लिख चुके हैं। दैनिक भास्कर की रिपोर्ट में पढ़िए किन-किन परियेाजनाओं को अब तक महज जिंदा रखने की पहल हाेती रही है। ये परियोजनाएं किन-किन इलाकों की हैं।

इन परियोजनाओं को मात्र 1-1 हजार देकर रखा गया है जिंदा

न्यू मुजफ्फरपुर जंक्शन, मुजफ्फरपुर-छपरा नई रेल लाइन, मुजफ्फरपुर- दरभंगा नई रेल लाइन, मुजफ्फरपुर- औराई- कटरा- जनकपुर रोड नई रेल लाइन, मुजफ्फरपुर-सीतामढ़ी दोहरीकरण लाइन, चकिया-शिवहर-सीतामढ़ी, मोतिहारी-सीतामढ़ी, दरभंगा-कुशेश्वरस्थान 70.44 किमी लंबा रेल खंड, सीतामढ़ी-जयनगर-निर्मली (सुपौल), आरा-सासाराम, खगड़िया-कुशेश्वरस्थान, राजगीर-हिसुआ-तिलैया, हाजीपुर-वैशाली- सुगौली, बिहटा-औरंगाबाद, आरा-भभुआ, अररिया- सुपौल, डेहरी ऑनसाेन-बंजारी, गया-डाल्टेनगंज, गया- बोधगया -चतरा, नवादा-लक्ष्मीपुर, कुरसेला-बिहारीगंज, बिक्रमशिला-कटरेछ, वजीरगंज-नटेसर नई रेल लाइन के लिए पिछले यानी 2021-22 के बजट तक में महज 1-1 हजार रुपए का प्रावधान हाेता रहा है। इससे पूरे उत्तर बिहार के लोग ठगा महसूस करते रहे हैं।

रेलवे अधिकारी उखाड़ ले गए दरभंगा-मुजफ्फरपुर ट्रैक का शिलापट्ट

दरभंगा-मुजफ्फरपुर रेल खंड का सपना अंग्रेज के समय करीब 120 वर्ष पुराना है। दरभंगा गजट में 1905 में इसका जिक्र है। अंतत: 2008 के रेल बजट में इसे स्वीकृति मिली। चार दिसंबर को 2008 काे तत्कालीन रेल मंत्री लालू प्रसाद ने सिंहवाड़ा में इसकी आधारशिला भी रख दी। हालांकि, तभी पता चला कि यह लाइन सिंहवाड़ा से गुजरेगी ही नहीं। उसी वक्त एक नई लाइन की घोषणा कर दी गई। घोषणा हवा में ही रहनी थी।

फिर 21 जनवरी 2009 को पूर्व मध्य रेलवे के तत्कालीन जीएम गिरीश भटनागर ने औराई तक पटरी बिछाने की घोषणा की। 27 फरवरी 2009 को पूर्व सांसद अली अशरफ फातमी ने डीलाही में स्टेशन का शिलान्यास किया। हालांकि, शिलान्यास के बाद रेलवे के अधिकारी शिलापट्ट साथ लेकर चले गए। दरभंगा-मुजफ्फरपुर के बीच इस 67 किलोमीटर लंबी परियोजना के लिए उस समय 28 करोड़ रुपए का प्रावधान हुआ था।

न्यू मुजफ्फरपुर जंक्शन बनने से होगा शहर का विस्तार

मुजफ्फरपुर में कपरपुरा के पास न्यू मुजफ्फरपुर जंक्शन का निर्माण प्रस्तावित है। रेलवे ने इसकी स्वीकृति ताे दे दी है, लेकिन पिछले कई वर्षों में महज 1-1 हजार की राशि देकर प्रोजेक्ट को सिर्फ जिंदाो भर रखा गहै। न्यू मुजफ्फरपुर जंक्शन बन जाने से शहर के विस्तार के साथ विकास की गति भी तेज बढ़े सकेगी।मुजफ्फरपुर से जनकपुर रोड तक नया रेलखंड बन जाए, तो औराई और कटरा का भी विकास होगा। कटरा स्थित सिद्धपीठ चामुंडा स्थान भी राज्य के धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में नए सिरे से विकसित होगा। इससे अधिक से अधिक बेरोजगार लोगों को नया अवसर और काम मिलेगा।

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