गोरौल में खुलेगा प्लास्टिक पार्क
फूड प्रोसेसिंग के बाद प्लास्टिक उद्योग में अधिक निवेश
उत्तर बिहार में फूड प्रोसेसिंग के बाद उद्यमियों ने प्लास्टिक इंडस्ट्रीज में निवेश किया है। प्लास्टिक की बढ़ती खपत व धातु महंगी होने से बेला औद्योगिक क्षेत्र में तेजी से प्लास्टिक के उत्पादों की फैक्ट्री खुली है। उद्यमी शिवनाथ गुप्ता ने बताया कि सस्ती होने के कारण प्लास्टिक उत्पादों की बिक्री बढ़ी है। लोहे व अन्य धातु के बदले अब प्लास्टिक के नल व पाइप, बर्तनों व कंटेनर आदि का प्रचलन बढ़ा है। प्लास्टिक पार्क की मांग लंबे समय से हो रही थी।
राशि आवंटित
● दशकों से बंद पड़ी चीनी मिल की 54 एकड़ जमीन पर होगा निर्माण
● इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट अथॉरिटी विकसित करेगी आधारभूत संरचना
मुजफ्फरपुर से सटे वैशाली जिले के गोरौल में प्लास्टिक पार्क खुलेगा। कई दशकों से गोरौल में बंद पड़ी चीनी मिल की जमीन पर इसका निर्माण होगा। इसके लिए उद्योग विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है। विभाग 54 एकड़ जमीन पर प्लास्टिक पार्क खोलेगा। इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट अथॉरिटी (आईडीए) प्लास्टिक पार्क के लिए जरूरी आधारभूत संरचना विकसित करेगी। आईडीए के कार्यपालक अभियंता ने चहारदीवारी, गेट व गार्ड रूम के निर्माण के लिए टेंडर जारी किया है। इन कार्यों पर आईडीए छह करोड़ 62 लाख पांच हजार 552 रुपये खर्च करेगी। इस राशि का आवंटन कर दिया गया है। छह माह में चहारदीवारी व अऩ्य निर्माण कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। इससे बीस हजार लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रुप से रोजगार मिल सकेगा। प्लास्टिक पार्क के निर्माण से वैशाली के साथ मुजफ्फरपुर के उद्यमियों को फायदा होगा। गोरौल दोनों जिलों के मध्य में है। यह मुजफ्फरपुर-हाजीपुर एनएच के साथ रेल मार्ग से सीधे जुड़ा है। प्रस्तावित प्लास्टिक पार्क से सटे गोरौल स्टेशन है। रेलवे, एनएच व दो जिलों के मध्य में होने के कारण उद्योग विभाग ने मंजूरी दी है। बियाडा के विकास अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि प्लास्टिक पार्क के लिए मुख्यालय के स्तर से कार्य चल रहा है।