एसकेएमसीएच में सोमवार को होमी भाभा कैंसर अस्पताल व अनुसंधान केंद्र के सौजन्य से देश की पहली वन हेल्थ लैब शुरू हुई। इसका उद्घाटन सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने किया।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि इस लैब की शुरुआत बिहार से होना गर्व की बात है। एसकेएमसीएच में इस लैब को टाटा मेमोरियल कैंसर हॉस्पिटल के तकनीकी सहयोग से पैथोलॉजी विभाग और डॉक्टर्स फॉर यू संस्था की ओर से संचालित किया जाएगा। वहीं, टाटा मेमोरियल हॉस्पिटल के प्रभारी डॉ. रविकांत सिंह ने बताया कि इस लैब में जीनोम सिक्वेंसिंग की जा सकेगी। इससे किसी व्यक्ति को किस प्रकार का कैंसर है, उसका पता चल सकेगा। अभी कैंसर का पता करने के लिए बायोप्सी, एमआरआई या सिटी स्कैन किया जाता है। जीनोम सिक्वेंसिंग के माध्यम से प्रसव के पूर्व ही बच्चे की जांच कर उसके जन्म से पहले की बीमारी की पहचान की जा सकती है। इसके अलावा जानवरों में होने वाली बीमारियों और प्रदूषण का मनुष्य पर होनेवाले असर के बारे भी लैब में शोध होगा।
एसकेएमसीएच में वन हेल्थ लैब का उद्घाटन करने के बाद स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि एसकेएमसीएच में वर्ष 2024 के जून तक 250 बेड का कैंसर अस्पताल तैयार हो जाएगा। इसकी लागत तीन सौ करोड़ रुपये होगी। इस दिशा में जोर-शोर से काम चल रहा है।
एसकेएमसीएच पहुंचे स्वास्थ्य मंत्री ने कहा,
निर्माण कार्य पर तीन सौ करोड़ रुपये की आएगी लागत
कैंसर अस्पताल दो वर्ष में तैयार हो जाएगा
स्वास्थ्य मंत्री ने लैब के उद्घाटन से पहले अस्पताल बनने की जगह का भी निरीक्षण किया और नक्शा देखा। उन्होंने कहा कि लैब शुरू हो जाने के बाद लोगों को इलाज के लिए बिहार से बाहर जाने की जरूरत नहीं होगी। एसकेएमसीएच के अधीक्षक से कहा कि वे आयुष्यमान भारत कार्ड से अधिक से अधिक मरीजों का इलाज कराएं।
कार्यक्रम में एसकेएसमीएच के प्राचार्य डॉ. विकास कुमार, अधीक्षक डॉ. बाबू साहेब झा, पैथेलॉजी विभाग के हेड प्रो. मनोज कुमार, माइक्रोबायोलॉजी की हेड प्रो. पूनम कुमारी, डॉ. ब्रजेश कुमार, डॉक्टर्स फॉर यू के रजत जैन, शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. जेपी मंडल, सिविल सर्जन डॉ. उमेश चंद्र शर्मा, आरएडी डॉ. ज्ञान शंकर, पूर्व विधायक बेबी कुमारी, केदार गुप्ता, भाजपा जिलाध्यक्ष रंजन कुमार सहित काफी संख्या में डॉक्टर मौजूद रहे।