बिहारः पढ़ाने को बच्चे नहीं मिले तो प्रोफेसर ने लौटाए सैलरी में मिले 23 लाख रुपए, इस्तीफे की भी पेशकश

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बिहारः पढ़ाने को बच्चे नहीं मिले तो प्रोफेसर ने लौटाए सैलरी में मिले 23 लाख रुपए, इस्तीफे की भी पेशकश

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प्रोफेसर डॉ. ललन कुमार ने बताया, ‘मैंने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई दिल्ली यूनिवर्सिटी के हिन्दू कॉलेज से और पीजी की पढ़ाई जेएनयू से की है। दोनों जगह मैं यूनिवर्सिटी टॉपर रहा।

बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित भीमराव आंबेडकर बिहार यूनिवर्सिटी में एक दिलचस्प मामला सामने आया है। यहां एक प्रोफेसर ने पढ़ाने के लिए बच्चे नहीं मिलने पर अपनी पूरी सैलरी यूनिवर्सिटी को लौटा दी।

प्रोफेसर यूनिवर्सिटी को तीन साल से पत्र लिखकर अपनी नियुक्ति किसी ऐसे कॉलेज में करने की मांग कर रहे थे, जहां बच्चे पढ़ने आते हों, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन ने उनकी बात पर ध्यान नहीं दिया। जिससे दुखी होकार नीतीश्वर कॉलेज के सहायक प्रोफेसर डॉ. ललन कुमार ने अपनी तीन साल की पूरी सैलरी 23 लाख 82 हजार 228 रुपए यूनिवर्सिटी को लौटा दी। साथ ही इस्तीफे की पेशकश भी की है।

प्रोफेसर ने पत्र में लिखा-
24 सितंबर 2019 को बिहार लोकसेवा आयोग (‌BPSC) के माध्यम से असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप मे मेरा चयन हुआ था। BRA बिहार यूनिवर्सिटी के तत्कालीन VC राजकुमार मंडिर ने सभी नियमों और शर्तों को धरकिनार करते हुए अपने मनमाने तरीके से सभी चयनित प्रोफेसरों की पोस्टिंग की। उन्होंने मेरिट और रैंक का उल्लंघन करते हुए कम नंबर वाले को PG और अच्छे-अच्छे कॉलेज दे दिए। बेहतर रैंकिंग वाले को ऐसे कॉलेजों में भेजा गया, जहां किसी तरह की कोई क्लास नहीं होती थी।

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