बिहार: ‘चमकी’ बुखार से मरने वाले बच्चों की संख्या बढ़कर हुई 111, कौन है इन मौतों का कसूरवार?

muzaffarpur AES report

 

बिहार के मुजफ्फरपुर में रविवार को आठ और बच्चों की चमकी के कहर से मौत के बाद अब तक इससे मरनेवाले बच्चों की कुल संख्या बढ़कर 111 जा पहुंची है। लगातार हो रही बच्चों की मौत का यह आंकड़ा पिछले 15 दिनों तक का है। गर्मी बढ़ने से सुबह से गंभीर हाल में बच्चे को अस्पतालों में लाए जाने का सिलसिला बदस्तूर जारी है।

इसकी रोकथाम को लेकर अब तक जो भी प्रयास किए जा रहे हैं वो स्थिति को देखते हुए नाकाम साबित हो रही है।

चमकी से मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच, केजरीवाल अस्पताल के वार्ड-आईसीयू फुल

हालत ये हो गई है कि मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल के वार्ड-आईसीयू फुल हो गए हैं। इसी बीच मुजफ्फरपुर में बीमारी का जायजा लेने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन पहुंच गए हैं। उनके साथ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के कई आला अधिकारी और विशेषज्ञ भी साथ में आए हैं। यहां बता दें कि मुजफ्फरपुर व आसपास के जिलों में अब तक 95 से अधिक बच्चों की मौत चमकी बुखार और एईएस से हो चुकी है।

एसकेएमसीएच में डॉक्टर की कमी और बंदइंतजामी
ऐसा कहा जा रहा है कि एनसिफलाइटिस के चलते यह मौत हो रही है। उधर, चमकी बुखार का का इलाज मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में करा रहे बच्चों के परिजनों को समझ नहीं आ रहा है कि वे इस स्थिति से मुकाबला कैसे करें। उसकी वजह ये हैं कि हॉस्पीटल के आईसीयू वॉर्ड तक भी डॉक्टरों की भारी कमी है। न बच्चों को ठीक से देखा जा रहा है और न ही उन्हें समय पर दवाएं दी जा रही है।

चमकी बुखार पीड़ित बच्चों पर डॉक्टर नहीं दे रहे पूरा ध्या
समाचार एजेंसी एएनआई ने चमकी बुखार पीड़ित बच्चे के एक पिता के बयान का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा- यहां पर मरीजों के लिए ठीक से व्यवस्था नहीं की गई है। डॉक्टरों बच्चों पर ठीक से ध्यान नहीं दे रहे हैं। हर घंटे बच्चे दम तोड़ रहे हैं। पिछली रात 12 बजे से कोई डॉक्टर ड्यूटी पर नहीं है, सिर्फ कुछ नर्स ड्यूटी कर रही हैं।
बिहार सरकार ने माना, इस आपातकालीन स्थिति में आईसीयू और बेड की है कमी
उधर, बिहार में चमकी बुखार से लगातार हो रही मौत, अस्पतालों की बदइंजामी और सरकार की गंभीरता पर उठ रहे सवालों के बीच बिहार के मंत्री सुरेश शर्मा ने कहा कि सरकार शुरू से ही इस पर काम कर रही है। दवाओं को कोई कमी नहीं है। हालांकि, वर्तमान आपातकालीन स्थिति को देखते हुए आईसीयू और बेड की कमी है।
‘एसकेएम में संसाधान कम, सरकार गंभीर नहीं’
चमकी बुखार से हो रही मौत और पीड़ित बच्चों के देखने के लिए लगातार पार्टियों के नेताओं के आने का सिलसिला बना हुआ है।

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