पहल:नवजात व प्रसूताओं को मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए राज्य भर में चलेगा खुशहाल मातृत्व अभियान
पहली बार दुनिया में आने वाले नवजात के मन-मस्तिष्क पर उसके मां के अवसाद का असर नहीं पड़े, इसके लिए राज्य भर में प्रसूताओं काे मानसिक रूप से स्वस्थ रखने के लिए खुशहाल मातृत्व अभियान चलेगा। टेली मेंटल हेल्थ असिस्टेंस एंड नेटवर्किंग एक्राॅस स्टेट्स के तहत प्रसूताओं काे पूरी तरह सेंट्रलाइज सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। इसके लिए बिहार में आईजीआईएमएस पटना, बीआईएमएचएएस काेईलवर और जेएलएनएमसीएच भागलपुर में टेली मानस सेल का गठन किया गया है। इसके लिए एक टाेल फ्री नंबर 14416 भी जारी किया गया है।
यहीं से पूरे बिहार की महिलाओं काे टेली मानस के जरिए मातृ स्वास्थ्य के साथ मानसिक स्वास्थ्य की सभी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएगी। इसको लेकर स्वास्थ्य मंत्रालय के निर्देश पर राज्य स्वास्थ्य समिति के कार्यपालक निदेशक संजय कुमार सिंह ने मुजफ्फरपुर समेत सभी सिविल सर्जन काे गाइडलाइन जारी की है। जिसमें कहा है कि प्राय: प्रसव पूर्व, प्रसव कालीन और प्रसव बाद की अवधि मेें महिलाएं कई मानसिक परेशानियाें के साथ अन्य कई प्रकार के सामान्य मानसिक विकाराें से पीड़ित हाे जाती हैं। इसका गंभीर असर पेट में पलने वाले बच्चे पर हाेता है। इससे बचाव के लिए खुशहाल मातृत्व अभियान चलाया जाएगा।
प्रसव पूर्व और बाद की अवधि मेें मानसिक विकारों से पीड़ित हाे जाते हैं जच्चा-बच्चा
दाे सवाल का उत्तर हां में हाेने पर होगी स्क्रीनिंग
गाइडलाइन के अनुसार, गर्भवती महिलाओं की ट्रैकिंग कर लाइन लिस्टिंग की जाएगी। उनसे आशा सवाल पूछेगी। यदि उनका उतर हां में मिलता है ताे एएनएम स्क्रीनिंग कराएगी। स्क्रीनिंग में अवसाद या अन्य मानसिक समस्या पाए जाने पर उन्हे टेली मानस से सहायता उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए 6,7 व 8 दिसंबर काे आशा व एएनएम काे ट्रेनिंग दी जाएगी।
ये सवाल पूछेंगी आशा
- पति घर से दूर रहते हैं क्या
- अकेलापन महसूस हाे रहा है क्या
- पैसे की अत्यधिक कमी तो नहीं
- पहले से बच्चे काे काेई बीमारी तो नहीं
- पहले कभी स्टील बर्थ हुआ है क्या
- कभी गर्भपात हुआ है क्या।