जमालपुर में ऑस्ट्रेलिया की टेक्नोलॉजी से रेल सुरंग बनकर तैयार
100 की स्पीड से रोजाना गुजरेंगी 100 से अधिक गाड़ियां
बिहार में मालदा रेल मंडल में जमालपुर रतनपुर स्टेशन के बीच राज्य की दूसरी नई रेल सुरंग में ट्रेन का परिचालन शुरू हो गया है. ये रेल सुरंग राज्य की दूसरी रेल सुरंग है.57 वर्षों के बाद बिहार को ये तोहफा दिया गया है. नई रेल सुरंग को काफी आधुनिक तरीके से बनाया गया है. इस ट्रैक पर 130 किलोमीटर की स्पीड से ट्रेन चलाई गई जिसके बाद से सुरंग से ट्रेनों का परिचालन किया गया. नए सुरंग से अप ट्रेने और पुराने सुरंग से डाउन ट्रेन का परिचालन किया जा रहा है.
अब तक इस रूट पर दो किलोमीटर तक सिंगल लाइन पर ट्रेनें चला करती थी. दोनों सुरंग से ट्रेन परिचाल शुरू होने के बाद यात्रियों को काफी राहत मिली है. अभी तक कुछ दूरी तक डबल लाइन नहीं होने के कारण ट्रेनों को रतनपुर या फिर जमालपुर में रोकना पड़ता है, ऐसे में 15 से 20 मिनट तक ट्रेनें कभी फंस जाती हैं. सुरंग चालू होने के बाद यात्रियों को इससे छुटकारा मिला है. इस सुरंग के चालू हो जाने से इस रूट पर सभी ट्रेन अब समय पर चलेगी इससे यात्रियों को अपने गंतव्य तक पहुंचने में देरी नहीं होगी. मालूम हो की जमालपुर और भागलपुर के इस रूट पर 24 घंटे में लगभग 100 ट्रेनें गुजरती है जिसमें मालगाड़ी भी शामिल है.
नईसुरंगकीचलतेइसरूटसेपहलीराजधानीएक्सप्रेसचलानेकीहरीझंडीमिलीहै. जल्द ही नई सुरंग होकर अगरतला आनंद विहार टर्मिनल तेजस राजधानी का परिचालन शुरू होने की संभावना है. नई सुरंग से ट्रेनों और मालगाडिय़ों को भी नई गति मिलेगी. नई सुरंग अंग्रेजों द्वारा बनाई गई सुरंग की तुलना में काफी आधुनिक है. इस सुरंग की लंबाई 903 फीट तथा ऊंचाई लगभग 20 फीट है. सुरंग निर्माण के लिए न्यू आस्ट्रेलियन टेक्नोलाजी का इस्तेमाल किया गया है. पुरानी सुरंग से नई सुरंग की लंबाई लगभग 210 फीट ज्यादा है.पुराने सुरंग का निर्माण कार्य 1861 शुरू हुआ और 1865 में संपन्न हुआ. नई सुरंग निर्माण कार्य 2019 में शुरू हुआ 2022 में पूरा हुआ. नई सुरंग की लंबाई 341 मीटर और चौड़ाई सात मीटर है. नई सुरंग की ऊंचाई 6.180 मीटर है. नई सुरंग से 100 से 110 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेन चलेगी.
मालदा मंडल के डीआरएम यतेंद्र कुमार के अनुसार नई रेल सुरंग के चालू होने से रेल विकास को नया पंख लगा है. इस रूट से राजधानी एक्सप्रेस चलाने की मांग कई वर्षों से चल रही थी. सिगल लाइन और एक सुरंग होने के चलते राजधानी एक्सप्रेस का परिचालन शुरू नहीं हो रहा था. अब सभी बाधाएं दूर होने के बाद राजधानी एक्सप्रेस के परिचालन का सहमति मिल गई. मालदा से किऊल के बीच 276 किमी रेलवे ट्रैक पूरी तरह दोहरीकरण हो गया है. अब जमालपुर से रतनपुर तक सिगल लाइन की बाधाएं समाप्त हो जाएगी. यह एक बड़ी उपलब्धि है।