bihar police got big success two criminals arrested in sitamarhi who robbed  9 lakh rupees by killing guard rs 5 lakh 52 thousand bike and two pistols  were also recovered - बिहार

सुरसंड (सीतामढ़ी), संवाद सहयोगी। थाना क्षेत्र के मझौरा बाजार से उत्तर अमाना गांव जाने वाली सड़क में सोमवार देर शाम अपराधियों ने बाइक छीनने के प्रयास किया। सफल नहीं होने पर बाइक सवार युवक को गाेली मार दी। जिससे वह गंभीर रूप से जख्मी हो गया। गोली चलने की आवाज पर लोगों की भीड़ जुट गई। इसके बाद अपराधी भाग निकले। जख्मी युवक मनीष कुमार बारा गांव का रहने वाला बताया गया है। वह करूणा गांव से अपने घर बारा जा रहा था। जख्मी युवक को सीएचसी में भर्ती कराया गया। वहां से उसे सीतामढ़ी रेफर कर दिया गया। एक अपाची व एक गलैमर पर सवार छह बदमाशों ने ओवरटेक करके घेर लिया। फिर सबसे पहले मोबाइल मांगने लगे। देने में आनाकान करने पर उन लोगों में से एक ने गोली चला दी। गोली लगते ही मनीष बाइक से गिरकर जान बचाने की कोशिशों में भागने लगा। गनीमत कहिए लोगों की भीड़ जुट गई।

ट्रैक्टर चालक के हत्यारे की गिरफ्तारी व मुआवजा को ले सड़क जाम

पुपरी। रामनगर बेदौल पंचायत के हिरौली गांव के लोगों ने ट्रैक्टर चालक की कथित हत्या को लेकर रविवार को पुपरी-सुरसंड पथ में बुधनद पुल के समीप बांस बल्ला से सड़क को जाम कर विरोध प्रदर्शन किया। आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क पर मृतक का शव रख कर टायर जला कर आगजनी की। इस दौरान हत्यारे की गिरफ्तारी व मुआवजे की मांग करने लगे। करीब तीन घंटे बाद बीडीओ मनोज कुमार व थानाध्यक्ष रामविनय पासवान के आश्वासन के बाद जाम समाप्त हुआ। सड़क जाम रहने के कारण वाहनों की लंबी कतार लगी रही। राहगीरों को काफी परेशानी उठानी पड़ी।

मालूम हो कि रविवार को हिरौली गांव निवासी मो. मुजीबुल रहमान के पुत्र मो. अली (50) का शव गांव के ही अधवारा नदी किनारे मिला था। वह शनिवार से ही लापता था। पेशे से ट्रैक्टर चालक का शव को सूचना मिलने पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए सदर अस्पताल भेजते हुए मामले की जांच शुरू की। उधर, मृतक के स्वजन व ग्रामीण इसको हत्या बता रहे है। स्वजन का कहना है कि मो. अली की हत्या करने वालों की पहचान कर अविलंब गिरफ्तार किया जाए। लिहाजा ग्रामीणों ने पोस्टमार्टम के बाद शव का अंतिम संस्कार करने से पहले सड़क जाम कर दिया। जाम स्थल पर पहुंचे बीडीओ ने लोगों को समझाकर मुआवजे का आश्वासन दिया। जबकि थानाध्यक्ष ने एक माह के भीतर मामले कि जांच कर दोषियों को गिरफ्तार करने का भरोसा देकर लोगों को शांत किया।