बिहार का एकमात्र यूनिवर्सिटी जहां पर 31 देशों से विद्यार्थी आते है पढ़ाई करने
बिहार की यूनिवर्सिटी अपनी अनियमित तौर तरीके और देर से डिग्रियां देने के लिए पूरे देश में जाने जाती है, लेकिन बिहार का एक ऐसा भी यूनिवर्सिटी है जो अपने आधारभूत संरचना के साथ-साथ यूनिवर्सिटी की पढ़ाई के लिए पूरी दुनिया में जानी जा रही है, आपको बता दूं कि यह बिहार का इकलौता यूनिवर्सिटी है जहां पर 31 देशों के विद्यार्थी शिक्षा लेने इस विश्वविद्यालय में आते हैं
दरअसल हम बात कर रहे हैं बिहार के नालंदा में स्थित नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय की, नालंदा अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय देश को फिर से विश्व गुरु का गौरव लौटाने की राह पर दौर चला है। आपको बता दूं कि यह नालंदा विश्वविद्यालय बिहार के राजगीर में स्थित है इसका सम्पुट कुल 475 एकड़ में फैला है। हालांकि इस विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य अब तक पूरा नहीं हुआ है लेकिन बताया जा रहा है कि 90% निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।
इस यूनिवर्सिटी के अंदर ही बसेगा शहर
वहीं कुलपति बताते हैं कि बाकी बचे 10 प्रतिशत काम जल्द ही पूरा कर लिया जायेगा। कुलपति प्रोफ़ेसर सुनैना सिंह ने कहां कि यहां मिशन मोड़ पर काम चल रहा है, नालंदा विश्वविद्यालय में 4 साल में बहुत कुछ हुआ है। अभी कई चीजें बनना बाकी है, आपको बता दूं कि इस नालंदा विश्वविद्यालय में अगले वर्ष तक हॉस्टल बन जायेगा वही लाइब्रेरी 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा। इसके साथ साथ इसी नालंदा विश्वविद्यालय के अंदर एक शहर भी बसाया जायेगा और लोगों को कहीं और जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
आपको बता दूं कि नालंदा विश्वविद्यालय का निर्माण के लिए देश ही नहीं कई देश भी अपना योगदान दिया है, कुलपति सुनैना सिंह बताते हैं कि इस नालंदा विश्वविद्यालय के निर्माण में करीब 17 देशो ने अपना योगदान दिया है। इसके साथ वह यह भी बताते हैं कि यहां पर 80 प्रतिशत छात्र विदेश से इस नालंदा विश्वविद्यालय में पढाई करने आते है। आपको बता दूं कि इस विश्वविद्यालय में पढ़ाई 2014 से ही शुरू हो गई थी। जहां पर पहले सत्र में स्कूल ऑफ हिस्टोरिकल स्टडी और स्कूल ऑफ एनवायरनमेंट स्टडी के लिए 13 छात्र का नामांकन हुआ था जिसमें भूटान जापान आदि देशों के छात्र शामिल थे।