2015 से अलग है आज का समीकरण
सीमांचल के मौसम और माहौल के अनुकूल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को ही अपनी सभाओं के जरिए लड़ाई के तौर-तरीके तैयार कर दिए हैं। अब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह हवा बनाने में जुट गए हैं। कांग्रेस के राहुल गांधी की लगातार दो दिन की जनसभाओं और जनता से किए जा रहे वादे का असर पडऩे से भी इन्कार नहीं किया जा सकता है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का प्रचार का अपना तरीका है। इस क्षेत्र में जदयू ने अल्पसंख्यक समुदाय के प्रत्याशी भी अच्छी तादात में उतार रखे हैं। तीसरे चरण में महागठबंधन के कर्णधार तेजस्वी यादव की भूमिका बड़ी होगी, क्योंकि पांच साल पहले नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन ने 78 में से 54 सीटें जीत ली थीं परंतु अब पासा पलट गया है। जदयू और भाजपा के साथ आ जाने के बाद ड्राइविंग सीट पर राजग है। 2015 के नतीजे के हिसाब से राजग के पास 43 सीटों का संबल है। पूर्व क्रिकेटर तेजस्वी यादव को अपनी टीम की जीत के लिए नए तरीके से फील्डिंग सजानी पड़ रही है।
राजद-जदयू के बीच बड़ी लड़ाई
तीसरे चरण में सबसे बड़ी लड़ाई राजद और जदयू के बीच होने वाली है। दोनों दल 23 सीटों पर आमने-सामने हैं। भाजपा और राजद के बीच 20 सीटों पर कांटे की लड़ाई है। कांग्रेस भी 14 सीटों पर भाजपा और नौ सीटों पर जदयू के मुकाबले में खड़ी है। वामदल भी आठ सीटों पर राजग की राह रोकने के लिए खड़े हैं। राजद ने छह पर माले और दो पर भाकपा को उतारा है। राजग की ओर से विकासशील इंसान पार्टी (वीआइपी) को दी गई कुल 11 सीटों में से पांच पर परीक्षा इसी दौर में होनी है। वीआइपी प्रमुख मुकेश सहनी खुद सिमरी बख्तियारपुर से भाग्य आजमा रहे हैं। उनके सामने राजद ने लोजपा सासंद महबूब अली कैसर के पुत्र युसूफ सलाहुद्दीन को उतार दिया है। बोचहां में राजद के टिकट पर रमई राम चुनाव लड़ रहे हैं।