घूसखोरी रोकने के लिए सब रजिस्ट्रार की अनोखी पहल | News Post

मुजफ्फरपुर, जागरण संवाददाता। सदर अस्पताल परिसर के मातृ-सदन में सीजेरियन आपरेशन के नाम पर वसूली का खेल चल रहा है। जिलाधिकारी प्रणव कुमार की ओर से महिला वार्ड में आशा के प्रवेश पर लगी रोक को लेकर अस्पताल प्रबंधक की ओर से अमल नहीं हो रहा है। इसका परिणाम यह है कि यहां पर आने वाली गरीब महिलाओं से वसूली हो रही है। सोमवार को वसूली की शिकायत सिविल सर्जन से की गई।

इस तरह चला घटनाक्रम

तुर्की इलाके की रिंकु देवी को लेकर आई आशा ने आपरेशन के नाम पर दो हजार की मांग की। 13 नवंबर को उसे भर्ती कराया गया। आशा ने मरीज के स्वजन को कहा कि अगर दो हजार नहीं दोगी तो आपरेशन नहीं होगा। यहां से रेफर कर दिया जाएगा। उसके बाद मरता क्या नहीं करता। रिंकू के स्वजन ने एक हजार एक सौ की राशि दी। आपरेशन हुआ। इस बीच नाम कटने की बारी आई। आशा ने कहा कि नौ सौ बकाया दो। स्वजन ने कहा कि कर्जा लेकर आए हैं। अब ज्यादा देंगे तो हालत खराब हो जाएगी। आशा ने धमकी दी कि अगर बकाया राशि नहीं मिलेगी तो तुमको जननी बाल सुरक्षा योजना की राशि नहीं मिलेगी।

अस्पताल से कागजात नहीं मिलेगा। उसके बाद स्वजन बोले कि चलू डाक्टर साहेब के पांव पकड़ के माफी मांग लेबई । बकझक के साथ स्वजन हंगामा करने लगे। महिला चिकित्सक व मूर्छक तक शिकायत गई। सबने कहा कि यहां पर पूरी तरह से आपरेशन व इलाज मुफ्त होता है। उसके बाद आशा की खोज होने लगी। वह धीरे से निकल ली। रिंकू के स्वजनों ने आरोप लगाया कि यहां पर आशा-ममता व सुरक्षा में तैनात महिलाएं आए दिन इस तरह की वूसली कर रही हैं। इसकी शिकायत सिविल सर्जन डा.यूसी शर्मा के पास पहुंची। सीएस ने कहा कि यह गंभीर मामाल है। प्रबंधक से इस संबंध में रिपोर्ट तलब की।

सीएस ने प्रबंधक को दिया यह टास्क

सोमवार को सुबह आठ बजे से दो बजे की पाली में वार्ड में तैनात एएनएम, महिला चिकित्सक, प्रसव कराने आई महिला व उसके स्वजन से पूछताछ होगी। वहां पर दोबारा ऐसी शिकायत नहीं मिले इसके लिए सख्त कदम उठाएं।