Muzaffarpur News: लिवर का ख्याल रखने के लिए अनोखा उपाय, बिना दवा भी ठीक रहेंगे

Muzaffarpur News: लिवर का ख्याल रखने के लिए अनोखा उपाय, बिना दवा भी ठीक रहेंगे

jagran

Muzaffarpur News विशेषज्ञों ने कहा- काफी का सेवन कर लिवर का ख्याल रखने के लिए तीन कप काफी का करें सेवन। अगले साल भागलपुर में आयोजित होगा बेपिकॉन 2022। नए सत्र के लिए अध्यक्ष बने डा.बीके सिंह सचिव डा.नवनीत व कोषाध्यक्ष डा.सतीश कुमार सिंह।

मुजफ्फरपुर। एसोसिएशन आफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया बिहार चैप्टर की ओर से आयोजित बेपिकॉन 2022 के 32वें वार्षिक अधिवेशन का समापन हुआ। आयोजन के संरक्षक डा.कमलेश तिवारी ने बताया कि बिहार चैप्टर के नए सत्र का चुनाव हुआ। चेयरमैन औरंगाबाद के वरीय चिकित्सक डा.बीके सिंह, सचिव मुजफ्फरपुर के डा.नवनीत व कोषाध्यक्ष डा.सतीश कुमार सिंह को चुना गया। अगला आयोजन भागलपुर में होगा। वैज्ञानिक सत्र में विशेषज्ञों ने अपनी राय रखी। एम्स पटना के विशेषज्ञ चिकित्सक डा. रमेश कुमार ने कहा कि अपने लिवर का ख्याल तीन कप कॉफी से रख सकते हैं। यह रोग प्रतिरोधक का काम करता है। तीन कप काफी का सेवन करें। साथ ही बताया कि लिवर सिरोसिस एक ऐसी बीमारी है जो 8-10 साल तक शांत रहती है और उसके किसी प्रकार के लक्षण मरीज के शरीर में दिखाई नहीं देते हैं। लेकिन, बीमारी बढ़ जाने के बाद लीवर प्रत्यारोपण के अलावा मरीज के पास कोई विकल्प नहीं होता है। पहचान के लिए फाइब्रोस्कैन करवाएं। समय पर इलाज से बचाव होगा।

डेंगू में बुखार गिरे तो तुरंत चिकित्सक से करें संपर्क

अपने प्रजेंटेशन में पटना एम्स के डा रवि कीर्ति ने कहा कि शहरी इलाकों में कचरा प्रबंधन बेहतर नहीं होता है। इस कारण पानी का जमाव होता है और डेंगू के मच्छर पनपते हैं। मरीज की संख्या ग्रामीण इलाके से ज्यादा शहर में है। बचाव को लेकर कहा कि जांच होने के बाद मरीज अपने स्वास्थ्य का ख्याल रखें। तरल पदार्थ लेते रहें। जब बुखार गिरने लगे, तो ऐसे में मरीजों को अपने चिकित्सक के संपर्क में रहना चाहिए। क्योंकि उसी समय प्लेटलेट्स गिरता है और पानी शरीर से निकलता है। ऐसे में जरूरी है कि हम अपने शरीर के पानी को नियंत्रित कर बीमारी को भगाएं और बुखार उतारने के लिए सिर्फ पेरासिटामोल का इस्तेमाल करें।

विदाई पर के दौरान भावुक हुए चिकित्सक

एपीआइ बिहार चैप्टर के चेयरमैन डा ए के सिंह ने कहा कि संगठन का विस्तार तेजी से हो रहा है। प्रतिनिधि की संख्या एक हजार पार कर रही है। समापन के दिन ऐसा महसूस हो रहा है जैसे बेटी की विदाई हो। नम आंखों से धन्यवाद देते हुए कहा कि यह आंसू खुशी के हैं। बेहतर समन्वय के लिए कार्यक्रम सचिव डा एके दास की प्रशंसा की।

दिनचर्चा में बदलाव युवाओं में हार्ट अटैक का बन रहा कारण

अपोलो कोलकाता के विशेषज्ञ डा अमरनाथ घोष ने कहा कि इन दिनों युवा पीढ़ी सबसे ज्यादा हार्ट अटैक की चपेट में आ रहे हैं। इसका सबसे बड़ा कारण है, उनकी दिनचर्या में कई सारे परिवर्तन होना। युवा जिम जाकर और एक्सरसाइज कर अपने स्वास्थ्य लाभ को पाना चाहते हैं। जबकि सबसे ज्यादा जरूरी है कि हम नियमित तौर पर सात घंटे नींद जरूर लें। अच्छी नींद ही हमारे अच्छी सेहत का राज है।

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