मुजफ्फरपुर,सरकारी कुव्यवस्था की शिकार होकर दोनों किडनियां गंवा चुकी सुनीता की हालत रविवार को अचानक बिगड़ गई, उसे सांस लेने में परेशानी हो रही है

इसकी सूचना मिलने के बाद इलाज कर रहे विशेषज्ञ चिकित्सक अमित कुमार पहुंचे। पूरी टीम के साथ उसकी स्वास्थ्य जांच की। सुनीता ने बताया कि सांस लेने में दिक्कत हो रही है। बदन में जलन है।

सुनीता का दर्द, बोली- न आरोपी पकड़ाया न किडनी मिल रही

चिकित्सक से सवाल किया कि वह कब तक डायलिसिस के सहारे रहेगी। इस गरीब के दर्द को कब सरकार सुनेगी। सुनीता का कहना था कि न उसकी किडनी काटने वाला मुख्य आरोपित पकड़ाया न उसके इलाज के लिए किडनी का इंतजाम हो रहा है।

वह गरीब व अनुसूचित समाज से आती है। इसलिए सरकार व प्रशासन उपेक्षा कर रही है। डॉ.अमित कुमार ने बताया कि समय पर डायलिसिस हो रही है। जब तक किडनी नहीं लगेगी, यह स्थिति बनी रहेगी।

एसकेएमसीएच के अधीक्षक का यह कहना

एसकेएमसीएच के अधीक्षक डॉ. दीपक कुमार ने बताया कि सुनीता का विशेषज्ञ चिकित्सक की देखरेख में इलाज चल रहा है। प्रतिदिन विभाग को रिपोर्ट दी जा रही है।

आइजीआइएमएस से जब बुलावा आएगा उस समय किडनी ट्रांसप्लांटेशन के लिए भेजा जाएगा। वहां पर प्राथमिक सूची में सुनीता का नाम है।

अधीक्षक ने बताया कि किडनी की समस्या होने पर भूख कम लगती है। उसके लिए भूख के लिए व अन्य जरूरी दवाएं नियमित अस्पताल की ओर से दी जा रही हैं।

पत्राचार में उलझा किडनी ट्रांसप्लांट

विभाग की ओर से सुनीता की किडनी बदलने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं दिखी। सारा काम पत्राचार तक उलझ कर रह गया है। स्वजन ने आरोप लगाया कि जब सुनीता की आंख सदा के लिए बंद हो जाएगी। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग की आंख खुलेगी।