Muzaffarpur पहल : एक प्लेटफॉर्म पर होंगे स्वास्थ्य सुविधाओं के सभी 40 एप
बिहार न्यूज़ डेस्क स्वास्थ्य विभाग के सभी मोबाइल अप्लीकेशन अब एक प्लेटफॉर्म पर होंगे. स्वास्थ्य विभाग ने इसकी तैयारी कर ली है. राज्य के दो जिलों में इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर मार्च तक शुरू कर दिया जाएगा. अगले वित्तीय वर्ष में इसका विस्तार अन्य जिलों में होगा. स्वास्थ्य विभाग में अभी केंद्र व राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं से संबंधित 40 मोबाइल अप्लीकेशन काम कर रहे हैं. इसमें 17 अप्लीकेशन निष्क्रिय हो चुके हैं जबकि 23 एप अब भी सक्रिय हैं. लेकिन ये सभी एप एक-दूसरे से जुड़े हुए नहीं हैं. ऐसे में जब एक एप से दूसरे की जानकारी लेनी होती है तो उसके लिए अलग से मोबाइल अप्लीकेशन को डाउनलोड करना पड़ता है. स्थिति यह है कि मरीजों की संख्या किसी और अप्लीकेशन पर अपलोड होती है तो उनकी बीमारी किसी और पर. इनका आपस में समन्वय नहीं होने के कारण विभागीय कामकाज में भी परेशानी हो रही है. कोई आंकड़ा देखना हो तो हर अप्लीकेशन को देखना पड़ता है.
इसे देखते हुए विभाग ने तय किया है कि मुख्यमंत्री डिजिटल हेल्थ योजना के बिहार स्टेट हेल्थ सिस्टम डिजिटाइजेशन (भाव्या) मोबाइल अप्लीकेशन बनाया जाए. इस एक प्लेटफॉर्म पर ही सभी मोबाइल अप्लीकेशन आपस में विलय हो जाएंगे. इस भाव्या एप से ही पता चल जाएगा कि किस मरीज को कौन-सी बीमारी का उपचार हुआ है और उन्होंने अपना इलाज किस अस्पताल में कौन चिकित्सक से कराए हैं. यानी इस अप्लीकेशन के कारण मरीजों का इलेक्ट्रॉनिक डाटा भी आसानी से उपलब्ध हो जाएगा. विभागीय अधिकारियों के अनुसार मुजफ्फरपुर में भाव्या अप्लीकेशन को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया जाएगा. एक और जिले के चयन पर विचार चल रहा है. कोशिश है कि मार्च 23 के पहले इसको चालू कर लिया जाए.
मरीज उपचार से संबंधित शिकायत या सुझाव दे सकेंगे
एप के आने से अस्पताल प्रबंधन की पूरी जानकारी उपलब्ध हो जाएगी. सामुदायिक सविर्ससेज मैनेजमेंट आसान हो जाएगा. अस्पतालों में काम करने वाले फ्रंट लाइन वर्कर्स की पूरी जानकारी होगी. एप पर स्वास्थ्य से संबंधित सभी आंकड़े इलेक्ट्रॉनिक तौर पर रिकॉर्ड होंगे. सभी 40 एप का आपस में इंट्रीग्रेशन (एकीकृत) होने से मरीजों को सुविधा होगी. इस एप पर मरीज अपने उपचार से संबंधित शिकायत या सुझाव दे सकेंगे. इसके आधार पर कर्मियों की रेटिंग की जा सकेगी. भाव्या एप को कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से जोड़ा जाएगा. आयुष्मान भारत से जुड़े शिकायत व सुझाव भी आसानी से दर्ज हो सकेंगे.