(मुजफ्फरपुर): एक तो नर्सिंग होम फर्जी…ऊपर से महिला के गर्भाशय के ऑपरेशन के साथ मूत्रनली काट दी गई। अब दोषी झोलाछाप पर कार्रवाई तो दूर चार दिन पहले दिए गए आवेदन पर प्राथमिकी भी दर्ज नहीं की जा रही। बरियारपुर ओपी अंतर्गत श्रीद्धि सेवा सदन के झोलाछाप बहादुरपुर ग्रामवासी राकेश कुमार के खिलाफ चार दिन पहले पीड़ित पिंकी कुमारी की मां देवंती देवी द्वारा दिए गए आवेदन पर पुलिस ने अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं की है।

4 दिनों के बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं

बताया गया कि पिंकी की मूत्रनली काटने के मामले की जांच को लेकर टीम का गठन किया गया है। जिला स्तर की टीम घटना की जांच करेगी। उसकी रिपोर्ट के उपरांत प्राथमिकी दर्ज कराई जाएगी। यह यह भी आश्चर्य कि टीम के गठन की जानकारी स्थानीय कर्मियों को ही नहीं है।

अब तक प्राथमिकी दर्ज नहीं होने से जहां एक ओर पीड़ित परिवार का दर्द बढ़ता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर झोलाछाप का मनोबल भी बढ़ रहा है। कार्रवाई नहीं होने से मरीज के स्वजन भी सहमे हुए हैं। एक ओर पिंकी और उसके पति दीपक मुखिया ऑपरेशन के लिए पैसे के जुगाड़ में लगे हैं, दूसरी ओर पिंकी की मां देवंती देवी थाने में आवेदन देकर प्राथमिकी के इंतजार में घर पर बैठी हैं।

स्वास्थ्य विभाग को भी वरीय अधिकारियों के आदेश का इंतजार

इधर, गुरुवार को स्वास्थ्य महकमे के द्वारा नर्सिंग होम की जांच के अभियान को आगे नहीं बढ़ाया गया। स्वास्थ्य प्रबंधक संजीव कुमार ने कहा कि रामनवमी को लेकर जांच स्थगित की गई है। पुन: 31 मार्च से जांच अभियान शुरू किया जाएगा। उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी के द्वारा बरियारपुर के श्रीद्धि नर्सिंग होम की जांच की गई थी। जांच में नर्सिंग होम निबंधित नहीं पाया गया। साथ ही जो बनावट नर्सिंग होम की थी, उससे जांच टीम काफी नाराज दिखी।

बावजूद इसके स्वास्थ्य महकमा के द्वारा भी अब तक लिखित रूप से प्राथमिकी के लिए आवेदन नहीं दिया गया है। बरियारपुर पुलिस एवं सकरा रेफरल अस्पताल के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी वरीय अधिकारियों के आदेश का इंतजार कर रहे हैं। उधर सकरा रेफरल अस्पताल के प्रांगण में सुनीता किडनी कांड को लेकर चल रहा अनिश्चितकालीन धरना गुरुवार को 49वें दिन भी जारी रहा।

इस मामले में डीएसपी पूर्वी मनोज कुमार पांडेय ने कहा कि प्राथमिकी के लिए आवेदन मिला है। मामला तीन माह पुराना है। साथ ही स्वास्थ्य से जुड़ा है। इसे देखते हुए सिविल सर्जन से मंतव्य मांगा गया है। इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।