सहरसा कोर्ट परिसर में पेशी के लिए आये कैदी की गोली मारकर हत्या
सहरसा जिले की कोर्ट में दिनदहाड़े पेशी के लिए लाए गए हत्या के एक आरोपित कैदी की गोली मारकर हत्या कर दी गई। मृतक कैदी का नाम प्रभाकर पंडित है। प्रभाकर पंडित को सुनवाई के लिए कोर्ट लाया गया था। कोर्ट के अंदर पहले से ही घात लगाए बदमाशों ने प्रभाकर पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। वारदात को अंजाम देकर भाग रहे बदमाशों में से एक को सुरक्षाकर्मियों ने खदेड़कर पकड़ लिया। बाकी के चार बदमाश मौके से फरार हो गए।
पुलिस के अनुसार यह घटना तब हुई जब प्रभाकर पंडित को हाजत से निचली अदालत में ले जाया जा रहा था। पहले से घात लगाए अत्याधुनिक हथियारों से लैस हमलावरों ने प्रभाकर पंडित पर ताबड़तोड़ फायरिंग कर दी। अदालत परिसर में भीड़ का फायदा उठाते हुए चार बदमाश मौके से फरार हो गए, जबकि एक हमलावर को सुरक्षाकर्मियों ने दबोच लिया। गोली लगने से घायल प्रभाकर पंडित को सदर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। कैदी को हाजत से कोर्ट में पेशी के लिए ले जाने वाले कांस्टेबल कैलास कर्ण ने बताया कि हमलावरों ने बरामदे में प्रभाकर को गोली मारी और मौके से फरार हो गए।
वहीं वकील सत्येंद्र कुमार ने एचटी को फोन पर बताया कि यह घटना भीड़भाड़ वाले कोर्ट परिसर में हुई। प्रभाकर पंडित को पेशी के लिए जा रहे पुलिस जवानों ने बदमाशों पर गोली इसलिए नहीं चलाई है क्योंकि उन्हें लगा कि कोर्ट परिसर में मौजूद लोगों की जान जोखिम में पड़ जाती।
वहीं पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार ने घटना की पुष्टि करते हुए कहा कि सहरसा की एसपी लिपि सिंह को घटनास्थल का दौरा करने और मामले की जांच करने का निर्देश दिया है। मैंने इस घटना की विस्तृत जांच के लिए कहा है ताकि यह पता लगाया जा सके कि हमलावरों ने रंजिश के चलते गोली चलाई या कैदी को पुलिस हिरासत से छुड़ाने के लिए किया गया था।
सहरसा पुलिस ने दुर्दांत अपराधियों से जुड़े मामलों की सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से करने की थी। यह मामला अभी सरकार के विचाराधीन है। वहीं इस घटना ने एक बार फिर अदालत परिसर की सुरक्षा पर सवाल खड़ा कर दिया है। इस बीच वकीलों ने बेहतर सुरक्षा व्यवस्था को लेकर आंदोलन करने का ऐलान कर दिया है।