भारत के पहले राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद ने कॉलेज में दी थी सेवा
इसकॉलेज में डॉ. राजेंद्र प्रसाद, आचार्य कृपलानी, रामधारी सिंह दिनकर, समेत कई महान विभूति अपनी सेवा दे चुके हैं। 11 अप्रैल 1917 को चंपारण जाते समय महात्मा गांधी एक रात के लिए यहां रुके थे। ऐतिहासिक पृष्भूमि होने के कारण इस कॉलेज को राष्ट्रीय धरोहर घोषित किया गया है।
अगस्तके बाद सीपीई की तैयारी
हेरिटेजमें शामिल होने के बाद सीपीई का दर्जा पाने के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। अगस्त के बाद सीपीई कराया जाएगा। कॉलेज के प्राचार्य डॉ अमरेंद्र नारायण यादव ने कहा की बिहार में तीन कॉलेज को सीपीई मिलना है। ऐसे में इस कॉलेज की काफी संभावना है। सीपीई मिलाने के बाद एलएस कॉलेज डीम्ड यूनिवर्सिटी के रूप में काम करने लगेगा।
सौ साल पहले कॉलेज का डिजाइन हुआ था तैयार
कॉलेजके भवन का डिजाइन 1915 में आर्किटेक्ट जेमयुनिक ने तैयार किया है। उन्होंने न्यू पटना सिटी का भी डिजाइन तैयार किया था। 1917 में कॉलेज का भवन बनना शुरू हुआ। 1952 में बनकर तैयार हो गया। कॉलेज को इंडो आर्सेनिक डिजाइन में तैयार किया गया।
स्थाईमान्यता के लिए संघर्ष लंबा
1900ई. में पहली बार इस कॉलेज को कोलकत्ता विवि से सम्बद्धता मिली। फिर 1915 में पटना विवि से और 1952 में बिहार विवि के स्थापना के बाद 1979 को एलएस कॉलेज को डिग्री की स्थाई मान्यता मिली।
बिहार(मुजफ्फपुर) के ऐतिहासिक लंगट सिंह कॉलेज के 116 वें स्थापना दिवस पर हेरिटेज का दर्जा मिला है। यूजीसी ने देश के 19 कॉलेज को हेरिटेज की स्वीकृति दी है। एलएस कॉलेज यह गौरव पाने वाला बिहार का एकलौता कॉलेज है। यूजीसी ने साथ ही कॉलेज में डिजिटल लाइब्रेरी बनाने के लिए 15 लाख रुपये भी दिए है। तीन जुलाई 1899 को इस कॉलेज की स्थापना जमींदार लंगट सिंह ने की थी। उस समय इसका नाम भूमिहार ब्राह्मण कॉलेज था। बाबू लंगट सिंह ने 26 लोगों का एसोसिएशन बनाकर कॉलेज की स्थापना की थी। बाद में 1915 में नए भवन बनाने के बाद कॉलेज का नाम लंगट सिंह हो गया।
इन्होंने कॉलेज को पाला-पोसा
शिवहरजिले के राजा शिवराज नंदन सिंह, जमींदार लंगट सिंह, जमींदार बाबू रमेश्वेर नारायण सिन्हा, हरदी के बाबू कृष्ण नारायण सिन्हा, अरिक्षण सिन्हा, जमींदार बाबू योगिंदर प्रसाद सिंह, जमींदार धर्मर| चौधरी, जैतपुर स्टेट के रघुनाथ दास समेत 22 लोग कॉलेज के डोनर और ट्रस्टी थे।
इन कॉलेजों को भी मिला दर्जा
इनमेंगर्वमेंट मेडिकल साइंस कॉलेज जबलपुर, खालसा कॉलेज अमृतसर, कन्या महाविद्यालय जालंधर, सेंट बीड्स कॉलेज शिमला, पुणे का फर्ग्यूसन कॉलेज, हिसलॉप कॉलेज नागपुर, गांधी मेमोरियल साइंस कॉलेज जम्मू, क्राइस्ट चर्च कॉलेज कानपुर, ओल्ड आगरा कॉलेज, मेरठ कॉलेज मेरठ, मुंबई का सेंट जेवियर कॉलेज समेत अन्य कॉलेज शामिल हैं। इनके रख-रखाव के लिए हर साल फंड भी सरकार उपलब्ध कराएगी।