ICAR की टीम ने दी सलाह:मौसम की मार से आम-लीची को जितनी क्षति, सही देखरेख से उससे ज्यादा फायदा

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ICAR की टीम ने दी सलाह:मौसम की मार से आम-लीची को जितनी क्षति, सही देखरेख से उससे ज्यादा फायदा

आम-लीची । - Dainik Bhaskar

19 से 21 मार्च के बीच जिला समेत पूरे उत्तर बिहार में हुई ओलावृष्टि व अत्यधिक बारिश से आम-लीची काे अधिक नुकसान नहीं हुआ है। बल्कि, आम व लीची के मंजरों में बन चुके फल के साथ पाैधाें के पानी से धुल जाने के कारण फलाें का विकास तेजी से होने लगा है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के बागवानी विज्ञान प्रभाग की टीम ने इस क्षेत्र का के बागाें का जायजा लेकर ये जानकारी दी। टीम में आए विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि आगे किसान यदि अपने बागाें की बेहतर तरीके से देखभाल करें और फल में लग रहे सूटी माेल्ट व लाल चित्तीदार कीट पर नियंत्रण पा लें ताे इस वर्ष आम के साथ ही शाही लीची के भरपूर उत्पादन की संभावना है।

भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के केन्द्रीय उपोषण बागवानी संस्थान रहमानखेरा, लखनऊ के निदेशक डॉ. टी दामोदरन द्वारा गठित वैज्ञानिकों की टीम ने निरीक्षण के बाद रिपोर्ट सौंप दी है। बागवानी संस्थान रहमानखेरा के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. संजय सिंह व वैज्ञानिक डॉ. विश्वंभर दयाल ने इस क्षेत्र में 27 एवं 28 मार्च काे बागाें का भ्रमण किया।

अभी से करें देखभाल, सूटी माेल्ट व लाल चित्तीदार कीट पर नियंत्रण से हाेगा बेहतर उत्पादन

अभी से देखभाल कर सूटी माेल्ट व लाल चित्तीदार कीट पर नियंत्रण पा लेने से बेहतर उत्पादन हाेगा। आम पर एमीडाक्लोप्रिड दवा का 0.5 एमएल प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। 15 दिन बाद प्रोफेनोफॉस कीटनाशक का एक ग्राम प्रति 3 लीटर पानी में मिलाकर डालें। आम में थ्रिप्स एवं भुंगा राेग का लक्षण दिखे ताे थायोमेथोक्जाम का 0.3 ग्राम प्रति लीटर पानी या एमीडाक्लोप्रिड का 0.3 एमएल प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। आम या लीची का मंजर झुलस जाने पर थायोफनेट मिथाइल कवक नाशी का दाे ग्राम प्रति लीटर पानी या डाइफेनकोनाजोल का एक एमएल प्रति लीटर पानी में मिलाकर डालें।

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