Holi – Silica chemical – Skin Disease – Muzaffarpur People
होली में सिलिका केमिकल मिले रंग के इस्तेमाल से चर्म रोग की शिकायतें बढ़ गई हैं। एसकेएमसीएच से लेकर निजी अस्पतालों में चर्म रोग से परेशान लोग इलाज के लिए पहुंच रहे हैं। एसकेएमसीएच के चर्म रोग विभाग की ओपीडी में शुक्रवार को दर्जन भर मरीज पहुंचे। एक दिन पहले गुरुवार को भी चार दर्जन मरीज पहुंचे थे। डॉक्टरों का कहना है कि केमिकल रंगों से चकत्ते व दाने निकलने जैसी समस्या हो रही है। एसकेएमसीएच के चर्म रोग विभाग के डॉ. राकेश रंजन कुमार राहुल ने बताया कि होली के बाद चर्म रोग के मरीज बढ़ गए हैं। केमिकल रंगों के इस्तेमाल से बीमारी हो रही है। चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. वरुणेश किशोर ने बताया कि होली बीतने के बाद लगातार लोग स्किन एलर्जी की शिकायत ले पहुंच रहे हैं।
सिलिका केमिकल मिला रंग होली के बाद लोगों को दे गया चर्म रोग
सभी रंग में अलग-अलग होते हैं केमिकल
एमपी सिन्हा साइंस कॉलेज के केमेस्ट्री के प्रोफेसर डॉ. भारत भूषण ने बताया कि सभी रंग में अलग-अलग केमिकल डाले जाते हैं। हरे रंग में कॉपर सल्फेट डाला जाता है। यह काफी खतरनाक होता है। यह केमिकल आंख में चला जाए तो आंख में लालीपन आ जाता है। लाल रंग में मरक्यूरी सल्फेट डाला जाता है, इससे स्किन एलर्जी होती है। इसके अलावा सिलिका केमिकल भी डाल दिया जाता है। अबीर को चमकदार बनाने के लिए लेड का इस्तेमाल किया जाता है।
बच्चे भी हो रहे हैं परेशान: बड़ों के साथ बच्चे भी इस समस्या से परेशान हैं। शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. चिन्मयन शर्मा ने बताया कि होली में केमिकल मिला रंग लगाने से बच्चों को भी स्किन एलर्जी हो गई है। हालांकि, कुछ दिन में यह ठीक हो जा रहा है। उन्होंने बताया कि बच्चों को हमेशा केमिकल रंग या केमिकल मिली हुई चीजों से दूर रखना चाहिए। बच्चों की त्वचा कोमल होती है।