किसान मर्डर केस में शराब माफियाओं पर शक की सुई:पुलिस मुखबिरी के शक में मारी गई थी गोली, दो संदिग्ध से पूछताछ जारी
मुजफ्फरपुर के साहेबगंज थाना क्षेत्र स्थित माधोपुर हजारी गांव मे 40 वर्षीय किसान प्रमोद राय की गोली मारकर हत्या करने के मामले में शराब माफियाओं पर शक की सुई है। पुलिस इसी एंगल पर आगे की जांच कर रही है। पुलिस जांच में पता लगा की अपराधियों ने उसे पुलिस की मुखबिरी करने के शक में गोली मारकर हत्या कर दी थी। घटना के बाद पुलिस ने कारवाई तेज करते हुए दो संदिग्धों को हिरासत में लिया है। उससे पूछताछ कर सत्यापन की कारवाई की जा रही है। परिजन और स्थानीय लोगों ने भी शराब धधेबाजों कर घटना को अंजाम देने की शक जाहिर की थी। इसी आधार पर पुलिस जांच कर रही है।
पूर्व से दे रहे थे धमकी
मृतक के भाई ने पुलिस को बताया की पहले से ही उनके भाई को हत्या की धमकी दी जा रही थी। धमकाने वाले कहते थे की तुम पुलिस को सूचना देकर हमलोगों के यहां छापेमारी करवाता है। तुम्हारी हत्या कर देंगे। हाल में भी पुलिस ने सनोज समेत अन्य के ठिकाने पर रेड किया था। इसी के बाद मंगलवार देर रात प्रमोद की गोली मारकर हत्या कर दी गई।
शराब माफियाओं का है वर्चस्व
बता दें की दियारा क्षेत्रों में शराब माफियाओं का वर्चस्व रहा है। इन इलाकों में पहले कई बार पुलिस पर भी हमला हो चुका है। शराब माफियाओं के बीच आपस में भी वर्चस्व को लेकर टकराव हो चुका है। प्रमोद मर्डर केस में एक बार फिर से शराब धंधेबाजों की संलिप्तता आने से पुलिस की चिंता बढ़ गई है। हालांकि वरीय अधिकारियों का दावा है की शीघ्र ही आरोपियों को दबोच लिया जाएगा। कई जगहों पर छापेमारी की जा रही है।
शौच के लिए जाने के दौरान मारी थी गोली
बता दें की मंगलवार देर रात वे शौच के लिए नहर किनारे जा रहे थे। इसी दौरान अपराधियों ने प्रमोद को गोली मार दी। फिर, उनका शव नहर किनारे फेंक दिया। घटना की सूचना मिलते ही प्रमोद को परिजन सीएचसी ले गए। लोगो ने मामले की जानकारी साहेबगंज पुलिस को दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे मे लेकर पोस्टमार्टम के लिए skmch भेज दिया है। मृतक के शरीर पर तीन गोलियों के जख्म थे। मृतक के परिजनों ने बताया की देर रात घर पर वे लोग थे। इसी दौरान घटना घटी। मृतक तीन भाई थे। भाईयो मे प्रमोद सबसे बड़े थे। उसके तीन पुत्र है। प्रमोद घुड़सवारी भी करते थे। शादी समारोह मे घोड़ा से पैसे कमाते थे। उसी से परिवार का भरण पोषण करते थे। खेतीबाड़ी भी करते थे।