Bihar: बिहार शिक्षक नियोजन को पंचायती सिस्टम से निकाला जाएगा बाहर, बीपीएससी के जरिये होगी नियुक्ती !
बिहार शिक्षक नियोजन नियमावली में बड़ा बदलाव करने की तैयारी की जा रही है. जानकारी के मुताबिक शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया और नियोजन इकाई को केंद्रीयकृत किया जायेगा. पंचायती राज संस्थाओं को इससे या तो अलग किया जायेगा या उनकी भूमिका सीमित कर दी जायेगी.
राज्य सरकार शिक्षक नियोजन नियमावली, 2020 में बड़ा बदलाव करने जा रही है. इसके तहत शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया और नियोजन इकाई को केंद्रीयकृत किया जायेगा. पंचायती राज संस्थाओं को इससे या तो अलग किया जायेगा या उनकी भूमिका सीमित कर दी जायेगी. संशोधित नियमावली को जल्द ही कैबिनेट में पेश किये जाने की तैयारी है.
शिक्षक नियोजन की प्रक्रिया में बदलाव का संकेत गुरुवार को शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर ने झंझारपुर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में भी दी. नयी प्रक्रिया को सातवें चरण के शिक्षक नियोजन से ही लागू किया जायेगा.
ऑनलाइन आवेदन करना होगा
सूत्रों के मुताबिक, केंद्रीयकृत नियोजन सिस्टम के जरिये सभी अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन करने होंगे. वरीयताक्रम में वे विभिन्न नियोजन इकाइयों के लिए आवेदन कर सकेंगे.अभ्यर्थियों से आवेदन लेने, उनका इंटरव्यू (या परीक्षा), काउंसेलिंग और मेरिट लिस्ट जारी करने तक की प्रक्रिया को केंद्रीकृत किया जायेगा. यह जिम्मेवारी बिहार लोक सेवा आयोग या बिहार राज्य कर्मचारी चयन आयोग को दी जा सकती है. पिछले दिनों शिक्षा विभाग के साथ बैठक में कई शिक्षक संगठनों ने शिक्षक नियोजन को पारदर्शी बनाने के लिए पंचायती राज संस्थाओं को इससे मुक्त करने का सुझाव दिया था.
तीन लाख 38 हजार पद हैं रिक्त
- शिक्षकों के तीन लाख 38 हजार पद रिक्त हैं.
- पहले प्लस टू स्कूलों का नियोजन होगा.
- इसके बाद प्राथमिक स्कूलों में बहाली होगी.
इन दो विकल्पों पर किया जा रहा विचार
- नियोजन के लिए बीपीएससी जैसी किसी संस्था को जिम्मा दिया जाये, जो आवेदन लेने से लेकर काउंसेलिंग और मेरिट लिस्ट तक की प्रक्रिया पूरी करे.
- नियोजन इकाइयों को ऑनलाइन आवेदन भेज दिये जायें और काउंसेलिंग को छोड़ बाकी सभी प्रक्रिया शिक्षा विभाग द्वारा अधिकृत परीक्षा लेने वाली कोई संस्था करे.
नियोजन को पंचायती सिस्टम से बाहर निकाला जायेगा : शिक्षा मंत्री
दरअसल, झंझारपुर में शिक्षा मंत्री प्रो चंद्रशेखर ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि शिक्षक नियोजन नीति में अब बदलाव करने की जरूरत है. पूर्व में नियोजन इकाइयों ने शिक्षा व्यवस्था को कमजोर किया है. इसमें परिवर्तन लाने के लिए सरकार काम कर रही है. पंचायती सिस्टम से बाहर निकाल नियोजन की एक केंद्रीय व्यवस्था बनायी जा रही है.
इसी के तहत सातवें चरण की शिक्षक नियोजन आरंभ किया जायेगा. शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा के आधारभूत संरचना के लिए ढाई सौ करोड़ की योजना को स्वीकृति दी गयी है. सूबे की बजट में शिक्षा पर 25% खर्च करने की घोषणा की गई है. इससे पूर्व मात्र 21 फीसदी शिक्षा पर खर्च किया जाता था.