3500 पेंशनरों को मिलेगी राहत:बिहार विश्वविद्यालय के पेंशनर को अब हर माह पहली तारीख को मिलेगी पेंशन

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3500 पेंशनरों को मिलेगी राहत:बिहार विश्वविद्यालय के पेंशनर को अब हर माह पहली तारीख को मिलेगी पेंशन

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बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के पेंशनराें काे अब हर महीने पहली तारीख काे ही पेंशन का भुगतान हाे जाएगा।

बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के पेंशनराें काे अब हर महीने पहली तारीख काे ही पेंशन का भुगतान हाे जाएगा। इसके लिए विश्वविद्यालय प्रशासन ने याेजना बना ली है। यदि समय पर सरकार की ओर से राशि उपलब्ध नहीं कराई गई ताे आंतरिक स्राेत से भुगतान किया जाएगा। विवि प्रशासन के इस निर्णय से सभी 3500 पेंशनराें काे राहत मिलेगी।

दरअसल, इसे लेकर 14 दिसंबर काे हाईकाेर्ट में अवमाननावाद की सुनवाई हाेनी है। विश्वविद्यालय पेंशनधारी समाज ने हर हाल में नियमित भुगतान के लिए हाईकाेर्ट में मामला दायर किया था। पेंशनधारी समाज के अध्यक्ष डाॅ. कृष्णकांत सिन्हा ने कहा कि पेंशनराें काे अनियमित भुगतान से परेशानियाें का सामना करना हाेता है। इसे देखते हुए उन्हाेंने 2016 में मामला दायर किया था।

काेर्ट ने अगस्त 2018 में पहली तारीख काे भुगतान का आदेश दिया था। किसी तरह की समस्या हाेने पर भी माह की 7 तारीख तक हर हाल में भुगतान करना था। उन्हाेंने कहा कि कुछ दिन तक ताे इस पर अमल करने का प्रयास किया गया। लेकिन, फिर से कई-कई महीने तक पेंशन का भुगतान लटकने लगा। बार-बार इसके लिए विवि प्रशासन से मिलकर समस्याएं बताई गईं।

लेकिन, जब समाधान नहीं निकला ताे 2019 में अवमाननावाद का मामला दायर किया गया। काेराेना के कारण सुनवाई रुकी हुई थी। पिछले माह 29 काे हाईकाेर्ट में सुनवाई की गई जिसमें आवश्यक निर्देश दिए गए। इस मामले की फाइनल सुनवाई 14 दिसंबर काे हाेनी है। इस बीच, विवि प्रशासन ने निर्णय लिया है कि पेंशनराें काे भुगतान में अब देरी नहीं की जाएगी। कुलसचिव डाॅ. आरके ठाकुर ने कहा कि पेंशनराें काे भुगतान के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन खुद चिंतित रहता है। इसमें किसी तरह की काेताही नहीं बरतने का निर्णय लिया गया है।

सेवा स्थाई करने के लिए अतिथि शिक्षकों का आंदाेलन जाेर पकड़ा

सेवा स्थायी करने के लिए अतिथि शिक्षकाें का आंदाेलन जाेर पकड़ने लगा है। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय में आंदाेलन के बाद साेमवार काे विवि के अतिथि शिक्षकाें ने पटना में भी प्रदर्शन किया। अतिथि शिक्षक संघ ने कहा कि सरकार उनका दर्द नहीं सुनती है। इसी तरह उपेक्षापूर्ण नीति जारी रही ताे आंदाेलन और तेज हाेगा।

फिलहाल बिहार विवि के अतिथि प्राध्यापकाें का प्रदर्शन 2 दिनों तक हाेगा।
संघ के अध्यक्ष डॉ. ललित किशोर ने कहा कि 3-4 वर्षों से विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों में कार्यरत 2 हजार अतिथि प्राध्यापकाें की सेवा नियमित की जानी चाहिए। लेकिन, 7 महीने से लंबित वेतन भुगतान तक नहीं हाे रहा है। प्रदेश संयोजक डॉ. सतीश दास ने बताया कि यूजीसी के मानदंडों पर अतिथि प्राध्यापकों की बहाली सेलेक्शन कमेटी के माध्यम से हुई है।

स्थायी शिक्षकों की बहाली होते ही इन्हें हटाने का प्रश्न क्यों उठ रहा है? वर्तमान में विश्वविद्यालय एवं कॉलेजों में छात्रों का नामांकन अनुपात कई गुना बढ़ गया है। सूबे में शिक्षकों की घोर कमी है। लगभग 25 हजार प्राध्यापकों की आवश्यकता है। गुणवत्तापूर्ण शैक्षिक माहौल बनाने के लिए अतिथि प्राध्यापकों काे नियमित करना अति आवश्यक है। प्रदर्शन में डॉ. आनंद आजाद, डॉ. मुकेश निराला, डॉ. बच्चा रजक, डॉ. आदित्य, डॉ. नितेश कुमार, डॉ. लवली, डॉ. रंजना, डॉ. सीवी सिन्हा, डॉ. बिरजू सिंह आदि शामिल थे।

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