मुजफ्फरपुर, जेएनएन। शीतलहर व पाला की स्थिति उत्पन्न होने पर कोविड 19 के परिप्रेक्ष्य में इससे बचाव के उपाय के संबंध में जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने नगर आयुक्त, एसडीओ व सीओ समेत अन्य संबंधित पदाधिकारियों को कई बिंदुओं पर निर्देश दिया है। कहा है कि सामान्यत: दिसंबर से जनवरी के बीच ठंड की व्यापकता कभी-कभी प्रचंड एवं भयावह शीतलहर का रूप ले लेती है।
जिले में तापमान गिरता जा रहा..!!
इस साल भी ठंड प्रारंभ होने के कारण जिले में तापमान गिरता जा रहा है। निकट भविष्य में शीतलहर का प्रकोप बढ़ने एवं कोविड 19 का संक्रमण भी जारी रहने की संभावना है। इसको देखते हुए शीतलहर के लिए निर्धारित किए गए विभागीय मानकों के आधार पर भारतीय मौसम विभाग द्वारा निर्गत तापमान के आंकड़ों के अनुसार, जिला को शीतलहर से प्रभावित निम्न परिस्थितियों में माना जाएगा। वैसे क्षेत्र जहां का सामान्य न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेंटीग्रेड या उससे अधिक हो। वैसे क्षेत्र में यदि न्यूनतम तापमान सात डिग्री सेंटीग्रेड से कम हो जाए।
अलाव व कंबल वितरण की व्यवस्था..!!
किसी क्षेत्र में यदि तापमान शून्य डिग्री सेंटीग्रेड से कम हो जाए तथा रबी व खरीफ फसल के मौसम में उस क्षेत्र विशेष के लिए असामान्य स्थिति हो। तब उस क्षेत्र को पाला प्रभावित क्षेत्र माना जाएगा। इस तरह की स्थिति में विभागीय मानक संचालन प्रक्रिया के तहत प्रशासन का दायित्व है कि शीतलहर से प्रभावित होने वाले जन सामान्य विशेषकर गरीब एवं नि:सहाय व्यक्तियों के बचाव के लिए समुचित प्रबंध करें। गरीब एवं नि:सहाय लोगों को शीतलहर से रक्षा के लिए एवं कोविड 19 के रोकथाम के समुचित व्यवस्था की जाए। इसके मद्देनजर अलाव व कंबल वितरण की व्यवस्था सुनिश्चित करने का संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिया गया है। लेकिन इस दौरान कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए निर्धारित मापदंड का पूरी तरह से अनुपालन किया जाएगा। जिससे परेेेेेेेशानी न हो।