Muzaffarpur: स्कूल के बच्चों का रिजल्ट हुआ खराब तो गुरूजी की चलेगी क्लास, जानें पूरा मामला
एक वक्त था जब बच्चों का रिजल्ट खराब होने पर अभिभावक या स्कूल के शिक्षक डांट फटकार लगाते थे. अब गंगा उल्टी बहेगी. स्कूल के बच्चों का अगर रिजल्ट खराब होता है तो क्लास गुरूजी की लगेगी.
Muzaffarpur: एक वक्त था जब बच्चों का रिजल्ट खराब होने पर अभिभावक या स्कूल के शिक्षक डांट फटकार लगाते थे. अब गंगा उल्टी बहेगी. स्कूल के बच्चों का अगर रिजल्ट खराब होता है तो क्लास गुरूजी की लगेगी. दरअसल, शिक्षा विभाग की तरफ से कहा गया है कि जिन स्कूलों में डी व इ ग्रेड हासिल करने वाले बच्चों की संख्या ज्यादा होगी, वहां के शिक्षकों के लिए भी रेमेडियल टीचिंग प्रोग्राम का संचालन होगा. किसी स्कूल में सबसे अधिक डी और इ ग्रेड वाले बच्चे मिलते हैं, तो स्कूल की ग्रेडिंग भी यही मानी जायेगी. बच्चों के लिए रेमेडियल क्लास का निर्देश विभाग की ओर से दिया गया है, जिसके लिए सभी प्रखंडों से रिपोर्ट मांगी गयी है. पहले शिक्षकों की काउंसेलिंग करायी जायेगी और बच्चों को पढ़ाने के लिए आवश्यक लर्निंग मैटीरियल दिया जायेगा
जिले के प्राथमिक स्कूलों में शैक्षणिक व्यवस्था सुधारने के लिए विभाग की ओर से पहल की गयी है. रिजल्ट के आधार पर स्कूलों की रैंकिंग की जानी है. साथ ही वार्षिक परीक्षा में डी और इ ग्रेड हासिल करने वाले बच्चों के लिए विशेष रेमेडियल क्लास की व्यवस्था करानी है. शिक्षा विभाग ने सभी बीइओ और एचएम को निर्देश जारी कर ग्रेडिंग के आधार पर सूची मांगी थी. करीब 1500 स्कूलों ने 15 हजार से अधिक बच्चों की रिपोर्ट तो सौंपी, लेकिन डी और इ ग्रेड हासिल करने वाले बच्चों के स्थान पर सी ग्रेड वाले बच्चों की रिपोर्ट दे दी है.
बीइओ ने इसे ही जिला शिक्षा विभाग को फॉरवर्ड कर दिया. पिछले दिनों डीएम की समीक्षा बैठक में जब इसकी जानकारी संभाग प्रभारियों से मांगी गयी, तो मामले का खुलासा हुआ. इस आधार पर सभी स्कूलों को नये सिरे से डी और इ ग्रेड हासिल करने वालों बच्चों की रिपोर्ट मांगी गयी है. डीपीओ एसएसए विभा कुमारी ने बताया कि स्कूलों से डी और इ ग्रेड प्राप्त करने वाले बच्चों की रिपोर्ट मांगी गयी है.