मुजफ्फरपुर की चर्चित पद्मश्री किसान चाची का स्वास्थ्य ख़राब चल रहा।
किसान चाची राजकुमारी देवी हेल्थ अपडेट,
पैंक्रियास में सूजन, सांस लेने में भी परेशानी
पद्मश्री से सम्मानित किसान चाची उर्फ राजकुमारी देवी की तबीयत अचानक खराब हो गई है। उन्हें गंभीर स्थिति में पटना के बिग अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है। वहां उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है। उनके पैंक्रियास में सूजन है तथा सांस लेने में भी परेशानी हो रही है। जिसकी वजह से वेंटिलेर सपोर्ट पर रखा गया था। अब स्थिति सुधर रही है। डाक्टरों की टीम उन पर नजर बनाए हुए है। क्राइसिस मैनेजमेंट टीम लगी हुई है। अस्पताल के प्रबंध निदेशक पद्मश्री डा विजय प्रकाश ने बताया कि हालत अभी जटिल है। कहा, पैंक्रियास में सूजन के साथ ही साथ लंग्स में खराबी आ गई थी। जिसकी वजह से उन्हें सांस लेने में परेशानी हो रही थी। अब स्थिति में धीरे-धीरे सुधार हो रही है। संभव है उन्हें वेंटिलेटर से हटाया जाए। तेजी से सुधार हो रहा है। यदि एक-दो दिनों तक यही क्रम जारी रहा तो बहुत जल्द स्वस्थ हो जाएंगी।
सरैया प्रखंड निवासी किसान चाची की 15 जनवरी को तबीयत खराब हुई थी। शुरू में गैस की समस्या हुई। उसके बाद स्वजन सरैया के एक निजी अस्पताल में पहुंचे। जहां से चिकित्सकों ने प्रारंभिक इलाज करके रेफर कर दिया। उसके बाद मुज़फ़्फ़रपुर के एक निजी अस्पताल में उनका इलाज इलाज कराया गया। बताया जा रहा है कि पाचन क्रिया से जुड़ी परेशानी होने के कारण चिकित्सकों ने उन्हें पटना एम्स रेफर किया। किसान चाची की इलाज करा रहीं उनकी बेटी संजू कुमारी ने बताया कि एम्स में इमरजेंसी में इलाज शुरू हुआ। वहां उन्हें वेंटिलेटर सपोर्ट की जरूरत थी। तत्काल में वेन्टीलेटर की सेवा नहीं मिली। इसके बाद एम्स से पटना के भिखनापहाड़ी इलाके के एक निजी अस्पताल में ले जाया गया है। अभी वह किसी से बातचीत नहीं कर पा रही हैं। हालत गंभीर है। पटना के बिग अपोलो स्पेक्ट्रा हॉस्पिटल में भर्ती पद्मश्री किसान चाची राजकुमारी देवी गंभीर अवस्था में हैं। डॉक्टरों की टीम इलाज में लगी है। इस संबंध में अस्पताल के प्रबंध निदेशक पद्मश्री डा विजय प्रकाश ने बताया कि हालत अभी जटिल है।
किसान चाची के अस्वस्थ होने की सूचना से उनके प्रशंसकों की चिंता बढ़ गई है। वे उनके बारे में अधिक से अधिक जानना चाह रहे हैं। वह जिला ही नहीं पूरे राज्य की महिलाओं की प्रेरणास्रोत रही हैं। उन्होंने खेती-किसानी के दम पर जो हासिल किया है लोग उसकी मिसाल देते हैं।
साइकिल पर अपने बनाए कृषि प्रोडक्ट्स लेकर इलाके में घूमने वाली ‘किसान चाची’ आज बीमार हैं। डॉक्टर के अनुसार, 48 घंटे उनके जिंदगी के लिए काफी अहम हैं। देश-विदेश में पहचान बना चुकीं 65 साल की राजकुमारी देवी उर्फ किसान चाची ‘पद्म श्री’ से सम्मानित हैं। 2019 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें यह सम्मान दिया था।
हालांकि, सोमवार को उन्हें परिजनों ने पटना AIIMS में इमरजेंसी में भर्ती कराया, लेकिन परिजनों का कहना है कि वहां तुरंत वेंटिलेटर की व्यवस्था नहीं हो सकी। इसके बाद भिखना पहाड़ी में एक प्राइवेट हॉस्पिटल में वेंटिलेटर सपोर्ट पर रखा गया। मुजफ्फरपुर के सरैया प्रखंड के आनंदपुर गांव से आने वाली किसान चाची को अमिताभ बच्चन ने भी KBC पर बुलाया था। वहां उन्होंने उनके काम को भी सराहा था। पीएम नरेंद्र मोदी ने भी बतौर गुजरात सीएम उनके काम को सराहा था।
समाज ने बहिष्कृत किया, पर इरादों पर अडिग रहीं राजकुमारी
किसान चाची का जीवन बेहद ही सरल पर चुनौतीपूर्ण रहा। देश के खास किसानों में से एक राजकुमारी देवी ने न सिर्फ अपना जीवन बदला, उन्होंने कई महिलाओं का जीवन बदल दिया। एक समय था जब दो वक्त की रोटी के लिए उन्हें जूझना पड़ता था। समाज ने उनका बहिष्कार भी किया, लेकिन वे अपने इरादों पर अडिग रहीं और किसान के साथ-साथ एक कुशल व्यापारी के रूप में उन्होंने अपनी पहचान बनाई। उन्होंने खुद खेती की। साथ ही अचार बनाना शुरू किया। फिर पूरे गांव में साइकिल पर घूम-घूमकर अचार बेचने लगीं। यह समाज को मंजूर नहीं था। समाज में अपनी पहचान बनाने में उन्हें काफी वक्त लगा।
चुनौतीपूर्ण रहा है किसान चाची का जीवन
साइकिल से सफर करने वाली किसान चाची का जीवन काफी चुनौतीपूर्ण रहा है। 1974 में शादी के बाद उन्हें कई वर्षों तक संतान नहीं हुआ। इसको लेकर उन्हें ससुराल में प्रताड़ित किया जाने लगा। 1983 जब बेटी का जन्म हुआ तब भी उन्हें ताने सुनने पड़े। अंत में मजबूरन उन्हें घर छोड़ना पड़ा। इसके बाद उन्होंने पहले पति के साथ खेती में हाथ बंटाया। तब भोजन के लिए भी उन्हें तरसना पड़ता था। बाजार में उन्हें सब्जी की सही कीमत नहीं मिलती थी। यह देख उन्होंने वैज्ञानिक तरीके अपनाने शुरू कर दिए। साथ ही अचार और मुरब्बा भी बनाने लगीं। उन्हें बेचने के लिए खुद साइकिल पर लादकर उसे बाजार जाने लगीं। धीरे-धीरे उनकी पहचान होने लगी। 2003 में कृषि मेले में उनके उत्पादों को पुरस्कृत किया गया। CM नीतीश उनसे मिलने उनके घर तक गए।
अब विदेश तक पहुंचते हैं किसान चाची के प्रोडक्ट्स
2006 में उन्हें किसान श्री सम्मान से नवाजा गया। तब से लोग उन्हें किसान चाची बुलाने लगे। वहीं, 2013 में गुजरात के तत्कालीन CM नरेंद्र मोदी ने उन्हें ‘वाइब्रेंट गुजरात’ कार्यक्रम में आमंत्रित किया। वहां इनके कार्यों की काफी सराहना हुई। वहीं, उनके फूड प्रोसेसिंग मॉडल को सरकारी वेबसाइट पर भी महिलाओं के लिए डाला गया। साइकिल से चलकर अपनी पहचान बनाने वाली राजकुमारी देवी उर्फ ‘किसान चाची’ अब स्कूटी से चलती हैं। साथ ही अब वह अकेले काम नहीं करती हैं। उनके साथ कई महिलाएं जुट चुकी हैं। बड़े पैमाने पर अचार-मुरब्बा तैयार किया जाता है। साथ ही उनके प्रोडक्ट्स विदेशों में ही निर्यात होते हैं।