बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के पांच कालेजों में मिले अनुदान की होगी जांच, इस वजह से आई यह स्थिति
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के पांच कालेजों के साथ ही साथ बीएन मंडल विश्वविद्यालय के चार इस दायरे में आ गए हैं। इस तरह से देखा जाए तो कुल नौ कालेजों की जांच की तैयारी चल रही है। करीब 287 करोड़ रुपये की उपयोगिता का हिसाब नहीं मिल रहा था।
मुजफ्फरपुर। बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के पांच और बीएन मंडल विश्वविद्यालय के चार समेत कुल नौ कालेजों को यूजीसी की ओर से 11वें प्लान में दिए गए अनुदान और उसकी उपयोगिता की जांच होगी। यूजीसी के इस प्लान के तहत करीब 25.47 करोड़ रुपये की उपयोगिता को लेकर जांच के लिए हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। इससे पूर्व अन्य विश्वविद्यालयों के कालेजों को मिलाकर करीब 287 करोड़ रुपये की उपयोगिता का हिसाब नहीं मिल रहा था। यूजीसी की ओर से मामला उठाए जाने के बाद उच्च न्यायालय पटना ने एक वकीलों का कमीशन गठित कर जांच का आदेश दिया है। यह कमीशन संबंधित कालेजों में पहुंचकर दिए गए प्रमाणपत्रों के अनुसार भौतिक निरीक्षण करेगी।
कालेजों से वसूल किए जाएंगे खर्च
बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के सीएन कालेज साहेबगंज में गुरुवार को टीम पहुंचेगी। 27 नवंबर से पहले जगन्नाथ सिंह कालेज, लक्ष्मी नारायण कालेज भगवानपुर, रामसेवक सिंह महिला कालेज और लक्ष्मी नारायण दूबे कालेज में जांच के लिए टीम जाएगी। इनके लिए 21 हजार रुपये शुल्क के साथ ही भोजन, रहने और यात्रा भत्ता का वहन भी संबंधित विश्वविद्यालय को करना होगा। विश्वविद्यालय को कहा गया है कि यह खर्च विश्वविद्यालय संबंधित कालेजों से वसूल करेगा। इसके अतिरिक्त बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा के फारबिसगंज कालेज, हरि प्रसाद साह कालेज, एमजेएम महिला कालेज कटिहार और मुंशीलाल आर्या कालेज में भी आयोग जांच करेगा।
30 तक उच्च न्यायालय में जमा करनी है रिपोर्ट
उच्च न्यायालय की ओर से गठित आयोग 27 नवंबर तक संबंधित कालेजों की जांच करेगा। इसके बाद 30 नवंबर तक इसकी रिपोर्ट कोर्ट में जमा करनी है। बताया जा रहा है कि संबंधित संस्थानों ने यूजीसी की राशि खर्च कर उसकी उपयोगिता भी भेज दी है, लेकिन यूजीसी की ओर से इसपर आपत्ति व्यक्त की गई। इसके बाद मामला उच्च न्यायालय में पहुंचा। यहां से विश्वविद्यालय को पूर्व में भी उपयोगिता को लेकर पत्र भेजा गया था। विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो.आरके ठाकुर ने बताया कि सभी संबंधित संस्थानों को इसकी जानकारी दे दी गई है। कहा गया है कि इसकी उपयोगिता के साथ ही सभी कागजात जांच टीम को उपलब्ध कराएं। साथ ही उच्च न्यायालय के आदेशानुसार संबंधित फीस और व्यवस्था भी कराई जाएगी। बता दें कि इन्हीं मामलों के निराकरण को लेकर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की ओर से दिसंबर में एक विशेष शिविर का आयोजन किया जाएगा। इसमें संबंधित कालेजों के प्रतिनिधियों को बुलाया जाएगा।