110 करोड़ की लागत से लगेगा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट

water treatment plant

110 करोड़ की लागत से लगेगा वाटर ट्रीटमेंट प्लांट:

बगहा शहर की गंदगी से बनेगा उर्वरक,

साफ पानी से खेतों की होगी सिंचाई

                                                  बगहा को जलजमाव से निजात दिलाने के लिए बगहा के शास्त्री नगर में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण होगा। यह काम बुडकों की ओर से होगा। 110 करोड़ की डीपीआर बुडकों की ओर से तैयार किया गया है। नगर में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण को लेकर शीघ्र ही बुडको की ओर से इसको लेकर निविदा आमंत्रित किया जाएगा। नगर में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण हो जाने से शहर को जलजमाव व वाटर सीवरेज की समस्या से निजात मिलेगी।

डीपीआर तैयार किया जाएगा

                                                  दस योजना के तहत नगर के सभी छोटे बडे नालों को इंटर कनेक्नेट करने की योजना तैयार की जा रही है। इसको लेकर बुडकों के द्वारा डीपीआर तैयार की जा रही है। डीपीआर तैयार होने के बाद इसकी प्रशासनिक स्वीकृति मिलने के बाद कार्य शुरू होगा। वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के लिए नगर के शस्त्रीनगर में स्थल का किया है। विगत दिनों नगर में बरसात के दिनों में बार-बार उत्पन्न हो रहे जलजमाव एवं नाले की समस्या को लेकर नगर विकास विभाग को पत्राचार किया गया था।

                                                   विभागीय स्तर पर नगर को उक्त समस्या से निजात दिलाने के लिए स्वीकृति प्राप्त हो गई है। ईओ ने बताया कि इस योजना को धरातल पर लाने के लिए विभागीय स्तर पर कवायद शुरू कर दी गई है। नगर के कुल 35 वार्ड के मुहल्लों में जल निकासी के लिए बने छोटे बड़े नालों का चिन्हित करते हुए उन्हें इंटर कनेक्ट किया जायेगा।

पानी से निकले गंदगी से बनेगा बायो खाद

                                                    नप के सभापति जरिया खातून ने बताया कि वाटर ट्रीटमेंट प्लांट के निर्माण हो जाने से एक ओर जहां नगर को जल जमाव से मुक्ती मिलेगी वहीं नाली के ट्रिटमेंट के बाद गंदा पानी से निकलने वाला के अपशिष्ट से बायो खाद का निर्माण होगा। बडों नालों के सहारे नाली के पानी को प्लांट कर उसको शुद्व किया जायेगा। इसके बाद साफ़ पानी अलग और गंदगी अलग हो जाएगा। गंदगी से उर्वरक बनेगा जो सस्ते दर पर किसानों को दिया जाएगा। वही साफ पानी को किसानों के खेत तक पहुंचाने का काम किया जाएगा ताकि इस पानी से सिंचाई किया जा सके।

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