Ramayana Mandir at East Champaran, Kaithwalia – World tallest Temple

Ramayana Mandir Temple at East Champaran

Ramayana Mandir Temple at East Champaran

270 feet Tall Ramayana Temple in Bihar

World tallest Temple at East Champaran, Bihar

बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के कैथवलिया में विश्व के सबसे ऊंचे (270 फीट) विराट रामायण मंदिर का निर्माण कार्य अप्रैल 2022 में शुरू हो जाएगा। निर्माण कार्य के लिए जरूरी जमीन का इंतजाम हो गया है। प्रस्तावित मंदिर के लिए 125 एकड़ जमीन की आवश्यकता है, इसमें से अब तक सौ एकड़ जमीन मंदिर को मिल चुकी है।

मंदिर निर्माण में गंगा-जमुनी सहयोग संस्कृति की भी झलक देखने को मिल रही है। इस कड़ी में बीते बुधवार को कैथवलिया के जमींदार इश्तयाक मोहम्मद खान ने 23 कट्ठा (71 डिसिमल) का प्लॉट मंदिर निर्माण के लिए दान कर दिया। इसके पहले भी इनके परिवार की तरफ से मंदिर के लिए जरूरी जमीन की व्यवस्था में सहयोग दिया गया है। महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने पत्रकारों से कहा कि बची हुई जमीन का भी जल्दी ही इंतजाम हो जाएगा।

प्रस्तावित स्थल पर मंदिर का निर्माण कार्य संसद भवन निर्माण में काम करने वाले विशेषज्ञों की देखरेख में होगा। मंदिर निर्माण का डिजाइन तैयार करने में अहमदाबाद के आर्किटेक्ट पीयूष सोमपुरा और इंटीरियर डिजाइनर नवरत्न रघुवंशी की मदद ली गई है। मंदिर का निर्माण 2027 तक करने की योजना है।

मंदिर की लंबाई 1080 फीट होगी

रामायण मंदिर विश्व का सबसे ऊंचा मंदिर होगा। इसकी ऊंचाई 270 फीट होगी। सिस्मिक जोन पांच में पड़ने के कारण मंदिर की ऊंचाई को कुछ कम किया गया है। जबकि मंदिर की लंबाई 1080 फीट और चौड़ाई 540 फीट होगी। अयोध्या से जनकपुर तक बन रहा राम-जानकी मार्ग मंदिर से होकर गुजरेगा।

मंदिर में बनाये जाएंगे 12 शिखर

मंदिर में 12 शिखर बनाए जाएंगे। इसके अलावा यहां चार मुनियों के नाम पर चार आश्रम का भी निर्माण होगा। शिखर के निर्माण के लिए दक्षिण भारत से विशेषज्ञ बुलाए जाएंगे। महावीर मंदिर न्यास के सचिव कहते हैं कि यह मंदिर उत्तर भारत में सबसे सुंदर वास्तुशिल्प का उदाहरण बनेगा।

सबसे ऊंचा शिवलिंग एक वर्ष में : महावीर मंदिर न्यास के सचिव किशोर कुणाल ने कहा कि विराट रामायण मंदिर में सबसे पहले विश्व का सबसे ऊंचा शिवलिंग स्थापित किया जाएगा। यह शिवलिंग 33 फीट उंचा और 33 फीट गोलाई में होगा। शिवलिंग निर्माण के लिए कन्याकुमारी के पास 250 मीट्रिक टन का ग्रेनाइट पत्थर खरीदा गया है। इसे शिवलिंग का आकार देने के लिए कन्याकुमारी से महाबलीपुरम् बड़ी मुश्किल से भेजा गया है। शिवलिंग का निर्माण सहस्त्रत्त्लिंगम की तरह होगा। मतलब एक शिवलिंग में एक हजार आठ शिवलिंग बैठाया गया होगा। आठवीं सदी में इस तरह के शिवलिंग का निर्माण होता था। लगभग 1300 वर्षों के बाद इस तरह के शिवलिंग का निर्माण हो रहा है। विराट रामायण मंदिर में इस शिवलिंग को 2023 तक स्थापित किया जाएगा। मंदिर की पहली छत तीस फीट की ऊंचाई पर ढाली जाएगी। छत से तीन फीट की ऊंचाई पर शिवलिंग होगा। जिसपर श्रद्धालु जलाभिषेक कर सकेंगे। छत तक पहुंचने के लिए तीन तरफ से सीढ़ी, एस्केलेटर और लिफ्ट की व्यवस्था होगी। जिससे बुजुर्ग भी शिवलिंग पर जलाभिषेक कर सकें।

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