15 साल से अटकी भतिर्यों पर सीएम योगी का फैसला, यूपी में 3300 सुपरवाइजर और क्लर्कों की होगी भर्ती

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आंगनबाड़ी की व्यवस्थाएं सुनिश्चित करने के लिए जल्द ही 3000 से ज्यादा सुपरवाइजरों व क्लर्कों की भर्ती होगी। एकीकृत बाल विकास सेवा (आईसीडीएस) इसका अधियाचन अधीनस्थ सेवा चयन आयोग को भेजने जा रहा है। ये भर्तियां 2006 से अटकी हुई थीं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन रोजगार के तहत 15 साल पुरानी भर्तियों का रास्ता साफ हो गया है।

इसमें 2422 सुपरवाइजर और 1054 क्लर्क के पद हैं। इनके लिए आवेदन 2006 में लिए गए थे। 2007 में सरकार बदलने और अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भंग होने के कारण भर्तियां नहीं हो पाईं। दोबारा 2011 में  आवेदन लिए गए। पहली बार 1.71 लाख और दोबारा 3.19 लाख आवेदन पत्र आए।  इस बीच सरकारी हीलाहवाली और सरकार बदलने पर भर्ती पर लगने वाली रोक इस भर्ती के आड़े आई।

इस बीच कई अभ्यर्थियों की आयु ज्यादा हो गई लिहाजा वे आयु में छूट मांगने लगे। भाजपा सरकार बनने पर 2018 में इन भर्तियों के लिए अधियाचन अधीनस्थ सेवा चयन आयोग भेजा गया लेकिन आयोग ने इस पर आपत्ति लगाते हुए वापस भेज दिया कि पहले पुराने विज्ञापन पर आए आवेदन पत्रों पर निर्णय लिया जाए।  बीते वर्ष मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मिशन रोजगार के तहत इन भर्तियों का मुद्दा भी उठा। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में फैसला  लेते हुए 2006 में हुए विज्ञापन को कालातीत माना गया और नए सिरे से भर्तियां करने पर सहमति बनी। अब नए सिरे से अधियाचन भेजे जाने की तैयारी चल रही है। इस बीच क्लर्क की नियमावली में परिवर्तन हुआ है और इसके लिए कम्पयूटर में ट्रिपल सी कोर्स को अनिवार्य कर दिया गया है।

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